Breaking




Bharatendu Harishchandra death anniversary: आधुनिक हिन्दी के पितामह भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने रचा भारतेन्दु युग

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jan, 2024 07:14 AM

bharatendu harishchandra death anniversary

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण के चित्रण को अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। ब्रिटिश राज की शोषक प्रकृति का चित्रण करने

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bharatendu Harishchandra death anniversary 2024: भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण के चित्रण को अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। ब्रिटिश राज की शोषक प्रकृति का चित्रण करने वाले उनके लेखन के लिए उन्हें ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य का पितामह’ कहा जाता है। 9 सितम्बर, 1850 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश, में जन्मे वह हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम ‘हरिश्चन्द्र’ था, ‘भारतेन्दु’ उनकी उपाधि थी।

PunjabKesari Bharatendu Harishchandra death anniversary

उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है क्योंकि हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतेन्दु जी ने कविता को अश्लील शृंगार के कीचड़ से निकाला तथा उसे राष्ट्रीय भावना से सुसज्जित किया। जिस समय भारतेन्दु जी का अविर्भाव हुआ, देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। सम्पूर्ण कार्य अंग्रेजी में होता और भारतीयों में विदेशी सभ्यता के प्रति आकर्षण था। ब्रिटिश आधिपत्य में लोग अंग्रेजी पढ़ना और समझना गौरव समझते थे। हिन्दी के प्रति लोगों में आकर्षण कम था और इसका हमारे साहित्य पर बुरा असर पड़ रहा था। हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। ऐसे वातावरण में जब बाबू हरिश्चन्द्र अवतरित हुए तो उन्होंने सर्वप्रथम समाज और देश की दशा पर विचार किया और फिर अपनी लेखनी के माध्यम से विदेशी हुकूमत का पर्दाफाश किया।

PunjabKesari Bharatendu Harishchandra death anniversary

भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिन्दी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। हिन्दी में नाटकों का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है।  

भारतेन्दु के वृहद साहित्यिक योगदान के कारण ही 1857 से 1900 तक के काल को भारतेन्दु युग के नाम से जाना जाता है। वह बीस वर्ष की अवस्था में ऑनरेरी मैजिस्ट्रेट बनाए गए और आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक के रूप में प्रतिष्ठित हुए।

स्वतंत्रता आंदोलन में भारतेंदु हरिश्चंद्र जी ने अंग्रेजी शासन का विरोध करते हुए देश सेवा के कार्य किए और काफी लोकप्रिय भी हुए। देशभक्ति की भावना के कारण उन्हें अंग्रेजी हुकूमत का कोपभाजन बनना पड़ा। 35 वर्ष की अल्पायु में ही 6 जनवरी, 1885 को मृत्यु ने उन्हें ग्रस लिया। 

PunjabKesari Bharatendu Harishchandra death anniversary

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!