Bhaum Pradosh Vrat: अक्टूबर में कब रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Oct, 2024 10:47 AM

bhaum pradosh vrat

Bhaum Pradosh Vrat 2024 भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अक्टूबर को रात 03 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 16 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bhaum Pradosh Vrat 2024 Kab Hai: सनातन धर्म में हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों में मंगलवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाले व्रत को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस साल 15 अक्टूबर, मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मन की हर मनोकामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं, भौम प्रदोष के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में-

PunjabKesari Bhaum Pradosh Vrat

Bhaum Pradosh Vrat Shubh Muhurat भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अक्टूबर को रात 03 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 16 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस प्रकार 15 अक्टूबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भौम प्रदोष की पूजा का समय शाम 05 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 13 मिनट तक है।

PunjabKesari Bhaum Pradosh Vrat

Importance of Bhauma Pradosh fast भौम प्रदोष व्रत महत्व
सनातन धर्म में हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रख जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है और भोलेनाथ के आशीर्वाद से आरोग्य, धन और संपत्ति प्राप्त होती है।

PunjabKesari Bhaum Pradosh Vrat

Bhauma Pradosh Vrat Puja Vidhi भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि
भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर पूजा घर को साफ करके गंगा जल का छिड़काव करें।
अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
उसके बाद शिव जी को जल, फूल, अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें।
शिव जी के सामने घी का दीपक जलाएं और उनके मंत्रों का जाप करें।
फिर शिव जी को फलों और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में शिव जी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।

PunjabKesari Bhaum Pradosh Vrat

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!