Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Feb, 2022 09:38 AM
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्ठमी तिथि को भीमाष्टमी के नाम से जाना जाता है। अष्ठमी तिथि का आरम्भ प्रात 6 बजकर 18 मिनट पर हो चुका है और समापन कल 8 बजकर 32 मिनट पर होगा। यह हिन्दू
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Bhishma Ashtami 2022: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्ठमी तिथि को भीमाष्टमी के नाम से जाना जाता है। अष्ठमी तिथि का आरम्भ प्रात 6 बजकर 18 मिनट पर हो चुका है और समापन कल 8 बजकर 32 मिनट पर होगा। यह हिन्दू त्यौहार महाभारत के एक महानायक देवव्रत, जो कि अपनी महाप्रतिज्ञा के कारण गंगापुत्र भीष्म के नाम से मशहूर हुआ, जिन्हें भीष्म पितामाह के नाम से जाना जाता है उन्हें समर्पित है। आज ही के दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। आज ही के दिन महाभारत के नरसंहार के बाद आठ दिनों तक बाणों की शैय्या पर लेटे रहे भीष्म पितामाह ने अपनी इच्छा से ही अपने प्राणों का त्याग किया था। उन्हें अपने पिता के द्वारा इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। आज का दिन इतना पवित्र और महत्वपूर्ण है कि भीष्म ने भी आज ही का दिन चुना था, अपने प्राणों का त्याग करने के लिये। जो भी लोग उत्तरायण पर प्राण त्यागते हैं उन्हें जीवन मृत्यु के इस चक्र से छुटकारा मिल जाता है और वह निज धाम यानि मोक्ष धाम को प्राप्त होते हैं।
आज के दिन सूर्य के उत्तरायण होने के बाद भीष्म पितामाह की स्मृति में नदी या दरिया इत्यादि में पितरों के निमित्त दान एवं तर्पण करना चाहिए। जिसके प्रभाव से आपके पूर्वज, जो कि पित्तर बन चुके हैं, उन्हें शांति व तृप्ति की प्राप्ति होती है और उनसे आर्शीवाद प्राप्त होते हैं। जिसके प्रभाव से आपके घर में सुख, शांति, समृद्धि एवं सभी प्रकार के सुख व उनको भोगने की कृपा प्राप्त होती है।
आज ही के दिन जो भी माताएं अपने बच्चों के निमित्त होकर व्रत का पालन करती हैं और दान, दक्षिणा, तर्पण इत्यादि करती हैं तो उनकी संतानों को सद्बुद्धि की प्राप्ति होने का आर्शीवाद प्राप्त होता है। गर्भवती द्वारा किए गए दान के प्रभाव से संतान सुंदर, गुणवान, विद्वान, दानी व शारीरिक रूप से बलवान पैदा होने के योग बनते हैं।
जो भी बच्चे अपने माता-पिता के कहने से बाहर होते हैं, अगर उनके द्वारा भी आज के दिन विधि-विधान से दान एवं गायत्री मंत्र की 11 मालाओं का जाप व्रत के रूप में किया जाए तो उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिसके प्रभाव से जो बच्चे अपने परिवार के कहे से बाहर होते हैं, वे अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)