Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Sep, 2023 08:00 AM
भाद्र मास की द्वादशी तिथि पर 10 महाविद्याओं में से चौथी महाविद्या देवी भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है। मां भुवनेश्वरी आदि शक्ति का रूप हैं, इनके द्वारा ही समस्त
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhuvaneshwari Jayanti 2023: भाद्र मास की द्वादशी तिथि पर 10 महाविद्याओं में से चौथी महाविद्या देवी भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है। मां भुवनेश्वरी आदि शक्ति का रूप हैं, इनके द्वारा ही समस्त ब्रह्मांड का जीवन चलता है। माता भुवनेश्वरी सारे जगत को चलाने वाली परम सत्ता हैं। इनके मस्तक पर विराजित चंद्रमा से इनकी आभा प्रकाशमय रहती है। इस बार भुवनेश्वरी जयंती आज यानी 7 सितंबर को पड़ रही है। भुवनेश्वरी का अर्थ सारे ब्रह्मांड पर राज करने वाली देवी से है। इनकी आज्ञा से ही समस्त सृष्टि चलती है, पूरा ब्रह्मांड उनके ही शरीर का स्वरूप है। ये भगवान शंकर की इष्ट देवी हैं, उनके समान ही इनके तीन नेत्र हैं। चार भुजाओं वाली देवी के चारों हाथ अलग-अलग मुद्राओं में हैं। वरद मुद्रा एवं अंकुश मुद्रा भक्तों की रक्षा करती हैं और आशीर्वाद देती हैं, जबकि बाकि दो हाथ पाश मुद्रा एवं अभय मुद्रा में होते हैं।
Bhuvaneshwari Mahavidya Jayanti: देवी का पूजन करने से हर प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है। वैसे तो 10 महाविद्याओं की पूजा व मंत्र सिद्धि के लिए गुरु की दीक्षा होना अवश्यक है परंतु देवी भुवनेश्वरी सभी देवियों में से कोमल व सौम्य देवी मानी गईं हैं। इस कारण से आम जनमानस भी इनकी पूजा घर में सात्विक तरीकों से कर सकते हैं। सभी ब्रह्मांड को सुख देने वाली देवी का पूजन आज के दिन करने से जीवन सदा के लिए सुखमय बना रहेगा।
Significance of Bhuvaneshwari Jayanti: स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर देवी भुवनेश्वरी के आसन को सजाएं। इसके पश्चात भुवनेश्वरी देवी के प्रति रूप को पंचामृत से स्नान कराएं। सर्वप्रथम देवी को पुष्प अर्पित करें, इसके पश्चात रुद्राक्ष की माला, फल और मिष्ठान का भोग लगाएं। लाल वस्त्र, लाल चंदन, रुद्राक्ष की माला और लाल पुष्प यह वस्तुएं देवी को अधिक प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने से देवी प्रसन्न होकर इच्छित वरदान देती हैं।
आज के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। घर पर 9 वर्ष तक की कन्याओं को बुलाकर कन्या पूजन करने से घर के सभी सदस्यों पर देवी की कृपा बनी रहती है।
आज गौ सेवा करना विशेष फल देता है, देवी के पूजन का यह एक और भी सरल मार्ग है।
भुवनेश्वरी जयंती पर संध्या के समय दीपदान करना व रात्रि के समय देवी के मंत्रों का उच्चारण व पाठ करना अधिक फलदायक सिद्ध होता है।
नीलम
8847472411