Edited By Jyoti,Updated: 30 Aug, 2020 02:17 PM
चूंकि देवी भुवनेश्वरी को जननी माना गया है इसलिए व्यक्ति के जीवन में नित्य होने वाली आपदाओं से, विपदाओंतथा उतार-चढ़ाव से शांति भी यही दिलवाती हैं।
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चूंकि देवी भुवनेश्वरी को जननी माना गया है इसलिए व्यक्ति के जीवन में नित्य होने वाली आपदाओं से, विपदाओंतथा उतार-चढ़ाव से शांति भी यही दिलवाती हैं। कहा जाता है इनकी कृपा के बिना भौतिक प्रयासों में सफलता नहीं मिलती। आज देवी भुवनेश्वरी की जयंती के अवसर पर हम आपको इनके कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका जाप करने से आपको विभिन्न तरह की समस्याओं से निजात मिलेगी साथ ही साथ किसी ना किसी से कोई पहाड़ी प्राप्त हो सकता है।
यहां जानें इन मंत्रों का जप का फायगा होगा-
अचानक विपत्ति निवारण मंत्र
ॐ इत्थं यदा यदा बाधा दानवोत्था भविष्यति।
तदा तदावतीर्याहं करिष्याम्यरिसंक्षयम् ॐ।।
एभि: स्तवैश्च मां नित्यं स्तोष्यते च: समाहित:।
त्सयाहं सकलां बाधां नाशियाष्याम्यसंशयम्।।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके देवी नारायणी नमोस्तुते।।
मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भुवनश्वर्ये नम:।।
इसके अलावा कहा जाता इस दिन देवी भुवनेश्नरी के स्तोत्र का पाठ भी किया जाता है। मगर बहुत से लोग हैं, जिन्हें इस बारे में पता नहीं है कि इन्हें कौन सा स्तोत्र समर्पित है। तो बता दें ज्योतिष के साथ साथ धार्मिक शास्त्रों में भी इनके बीज मंत्रों आदि के साथ-साथ स्तोत्र आदि भी दिए गए हैं।
त्रिशूल भुक्कुरादेवी पाशाकुशविदारिणी।।
खड्गखेटधरादेवी घण्टनि चक्रधारिणी।।
षोडशी त्रिपुरादेवी त्रिरेखा परमेश्वरी।।
कौमारी पिंगलाचैव वारीनी जगामोहिनी।।
दुर्गदेवी त्रिगंधाच नमस्ते शिवनायक।।
वंचाष्टशतनामंच श्लाके त्रिनयभावितं।।
भक्तये पठेन्नित्यं दारिद्रयं नास्ति निश्चितं।।
एकः काले पठेन्नित्यं धनधान्य समाकुलं।।
द्विकालेयः पठेन्नित्यं सर्व शत्रुविनाशानं।।
त्रिकालेयः पठेन्नित्यं सर्व रोग हरम परं।।
चतुःकाले पठेन्नित्यं प्रसन्नं भुवनेश्वरी।।
इति श्री रुद्रयावले ईश्वरपार्वति संवादे
श्री भुवनेश्वरी स्तोत्र संपूर्णं