Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Dec, 2023 11:07 AM
बांके बिहारी को याद करने के लिए तो बस वृन्दावन का नाम ही काफी है। वृंदावन का सुनते ही भक्तों के सामने बिहारी जी की मोहिनी मूरत सामने
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Bihar Panchami: बांके बिहारी को याद करने के लिए तो बस वृन्दावन का नाम ही काफी है। वृंदावन का सुनते ही भक्तों के सामने बिहारी जी की मोहिनी मूरत सामने आ जाती है। हर वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या की पंचमी के दिन बांके बिहारी का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। बिहारी जी के भक्त बहुत ही बेसब्री से इस दिन का इन्तजार करते हैं। इस वर्ष बांके बिहारी लाल जी का प्राकट्य उत्सव 17 दिसंबर यानि आज मनाया जा रहा है। उनके प्राकट्य उत्सव को बृज में बिहार पंचमी महोत्सव के नाम से जाना जाता है। ब्रज के हर एक व्यक्ति के लिए ये दिन बहुत खास होता है। सारे ब्रजवासी इस उत्सव को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।
श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवा अधिकारी राजू गोस्वामी जी, जो भक्त आॉफ बिहारी जी ग्रुप के प्रधान सदस्य हैं। वह सुबह-सुबह अपने ग्रुप के साथ निधिवन में पहुंचे और दीपोत्सव का आनंद लिया।
बिहार पंचमी के उपलक्ष्य पर वृन्दावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में आज के दिन विशेष आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से भक्त बिहारी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। सेवाधिकारी श्री राजू गोस्वामी बताते हैं कि प्रतीकात्मक तौर पर स्वामी हरिदास निधिवन राज मंदिर से चांदी के डोले में बैठ शोभायात्रा के साथ अपने लाड़ले को बधाई देने बांके बिहारी मंदिर जाएंगे। बता दें कि ये यात्रा पिछले करीब डेढ़ सौ साल से इसी तरह निकाली जा रही है।
These events will be held in the evening शाम को होंगे ये आयोजन
मंदिर के सेवाधिकारी बताते हैं कि शाम के समय ब्रज के लाड़ले अति सुन्दर पोशाक धारण कर के अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस उपलक्ष्य में उनके सामने छप्पन तरह के व्यंजन भोग में परोसे जाएंगे। बता दें कि बिहारी जी के जन्मोत्सव पर भक्तों को पहली बार छप्पन भोग के दर्शन होंगे।