Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Dec, 2024 05:28 PM
Bihar panchami vrindavan 2024: रसिक शिरोमणि अनन्य नरपति स्वामी श्री हरिदास जु के परम लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल जी का प्राकट्य उत्सव ( जन्मदिन) बिहार पंचमी के दिन मनाना विशेष रूप से एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का पर्व है।
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Bihar panchami vrindavan 2024: रसिक शिरोमणि अनन्य नरपति स्वामी श्री हरिदास जु के परम लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल जी का प्राकट्य उत्सव ( जन्मदिन) बिहार पंचमी के दिन मनाना विशेष रूप से एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का पर्व है। वृंदावन के बांके बिहारी भगवान श्री राधा और कृष्ण के युगल रूप हैं। इस दिन का संबंध विशेषतौर से वृंदावन और मथुरा से है, जहां कृष्ण भक्तों का एक बड़ा समुदाय हर साल इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाता है। बिहार पंचमी का पर्व मुख्य रूप से मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर नवंबर-दिसंबर के बीच आता है। यह दिन विशेष रूप से बांके बिहारी के प्राकट्योत्सव के रूप में मनाया जाता है।
श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी श्री राजू गोस्वामी ने पंजाब केसरी के संवाददाता विक्की शर्मा को बताया वर्ष 2024 में बिहार पंचमी उत्सव दो दिन का होगा 5 और 6 दिसंबर। 5 दिसंबर को ठाकुर जी के प्राकट्य उत्सव के उपलक्ष्य में बधाई समाज का आयोजन किया जा रहा है। जिस में साधु संत और भक्त मिल कर बिहारी जी का समाज गायन करेंगे। उस के बाद सभी भक्तों के लिए भंडारा का आयोजन किया गया है।
अगले दिन 6 दिसंबर को सुबह 4 बजे निधि वनराज और श्री बांके बिहारी मंदिर में दीप दान उत्सव होगा और रंगोली सजेगी। श्रृंगार आरती के बाद श्री निधिवनराज से स्वामी श्री हरिदास जी महाराज अपने लाडले ठाकुर जी को बधाई देने के लिए रथ में सवार होकर वृंदावन की कुंज गलियों में से होते हुए बांके बिहारी मंदिर में पधारेंगे।
इस सुंदर शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए हुए भक्त भाग लेंगे। जो सोहनी सेवा के साथ रंगोली बनाते हुए शामिल होंगे। भक्तों की तरफ से बिहारी जी को राज भोग, 56 भोग और विशेष लड्डू भोग अर्पित किया जाएगा तत्पश्चात वही प्रसाद के रूप में सब भक्तों को बांट दिया जाएगा।