Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Dec, 2024 11:01 AM
Bihar Panchami Vrindavan 2024: बांके बिहारी भगवान श्री कृष्ण के अनूठे रूप का प्रतीक हैं, जो अपनी मनमोहक छवि के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका स्वरूप हमेशा एक आकर्षक और मोहक रूप में होता है। उनका नाम 'बांके बिहारी' इस बात का प्रतीक है कि वे अपने भक्तों को...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bihar Panchami Vrindavan 2024: बांके बिहारी भगवान श्री कृष्ण के अनूठे रूप का प्रतीक हैं, जो अपनी मनमोहक छवि के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका स्वरूप हमेशा एक आकर्षक और मोहक रूप में होता है। उनका नाम 'बांके बिहारी' इस बात का प्रतीक है कि वे अपने भक्तों को अपनी लीलाओं और मोहक रूपों से बंधित अथवा बंधुआ कर लेते हैं।
वृंदावन के लाडले बिहारी जी का जन्मोत्सव मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पंचमी 6 दिसंबर को मनाया जाएगा। श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन धाम के सेवाधिकारी राजू गोस्वामी ने पंजाब केसरी के संवाददाता विक्की शर्मा को बताया देश-विदेश से बिहारी जी का जन्मदिन मनाने के लिए आए हुए श्रद्धालु आज 5 दिसंबर से ही बधाइयां गाना और उत्सव मनाना आरंभ कर देंगे।
आज 11 बजे से स्वामी हरिदास जी की गायन सेवा आरंभ होगी। जो हरिदास जी से संबंध रखने वाले संत करेंगे। यह सेवा श्री बांके बिहारी मंदिर के पास बने हाल में होगी। जिसमें कीर्तन का खूब आनंद लिया जा सकेगा। उसके बाद सभी भक्तों में भोग-प्रसाद का वितरण होगा।
बिहार पंचमी उत्सव के बारे में विक्की शर्मा को राजू गोस्वामी जी ने आगे बताया कल 6 दिसंबर को श्रद्धालु 2 अलग-अलग भागों में श्री बांके बिहारी मंदिर और निधिवन जाएंगे। कुछ भक्त श्री बांके बिहारी मंदिर में सेवा करेंगे और अन्य निधिवन में अपनी सेवाएं देंगे। दोनों स्थानों पर सुबह 4 बजे दीपदान, रंगोली, फूलों, गुब्बारों और विविध प्रकार की सामग्री से सजावट की जाएगी। श्री बांके बिहारी मंदिर को सजाने के बाद वहां के श्रद्धालु निधिवन की तरफ प्रस्थान करेंगे।
निधिवन में स्थापित संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास जी की समाधि एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। जहां पर सभी भक्त गायन-वादन के साथ मंगल गीत गाते हुए इत्र सेवा करेंगे।
फिर वहां से स्वामी श्री हरिदास जी, गोस्वामी जगन्नाथ जी और श्री विट्ठल विपुल जी के चित्रपटों को सुंदर रथों में सजाया जाएगा। शोभा यात्रा के आरंभ में सोहणी सेवा यानी झाड़ू सेवा होगी। मार्ग को अच्छे से साफ किया जाएगा। उसके बाद रंगोली सजाई जाएगी। फिर स्वामी श्री हरिदास जी, गोस्वामी जगन्नाथ जी और श्री विट्ठल विपुल जी के रथ बिहारी जी को उनके जन्मोत्सव की बधाई देने के लिए स्वयं बांके बिहारी मंदिर जाएंगे। उनके पीछे-पीछे श्रद्धालु मंगल गायन करते हुए, बिहारी जी के दर्शनों के लिए जाएंगे।
मंदिर परिसर में बिहारी जी को छप्पन भोग और राज भोग लगाया जाएगा। विभिन्न प्रकार के वस्त्र, आभूषण, खिलौने आदि सामग्री उपहार में दी जाएगी तत्पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन होगा।