इस मंदिर के देवता हर इच्छा पूरी करने के लिए जाने जाते हैं, पत्र लिखकर उनसे कुछ भी मांग सकते हैं

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Feb, 2024 11:40 AM

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बिनसार चांद राजवंश के शासकों की राजधानी थी, जिन्होंने 11वीं से 18वीं शताब्दी तक कुमाऊं पर

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Binsar Uttarakhand Tourism 2024: बिनसार चांद राजवंश के शासकों की राजधानी थी, जिन्होंने 11वीं से 18वीं शताब्दी तक कुमाऊं पर शासन किया और अपनी गर्मियां बिनसार में बिताते थे। बिनसार यहां के राजा तथा गोलू देवता के बीच पौराणिक युद्ध के लिए भी जाना जाता है। किसी भ्रम के कारण गोलू देवता का सिर काट दिया गया और उनकी सूंड बिनसार नैशनल पार्क के करीब गैराड दाना गोलू में गिरी तथा उनका सिर बिनसार के करीब कापर काहन के नजदीक गिरा। इन दोनों स्थानों पर भगवान गोलू के प्राचीन मंदिर हैं।

उतराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित बिनसार एक सुन्दर दृश्यावली वाला तथा बाकी दुनिया से अलग-थलग क्षेत्र है जो आपको प्रकृति के बहुत करीब ले आता है। समुद्र तल से 2412 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बिनसार वन्यजीव अभ्यारण्य के बीचों-बीच स्थित है, जिसका प्रमुख आकर्षण जीरो प्वाइंट से हिमालयी चोटियों का 300 किलोमीटर का भव्य नजारा है।

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बिनसार लेखकों, प्रकृति प्रेमियों तथा एडवैंचरर्स के चाहवानों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। चौखम्बा, पांचचुली, नंदा देवी, नंदी कोर्ट तथा केदारनाथ जैसी प्रमुख चोटियां यहां दूर से दिखाई पड़ती हैं। बिनसार हिल्स, जिन्हें झंडी धार के नाम से जाना जाता है, 2412 मीटर ऊंची हैं तथा यहां से अलमोड़ा नगर, कुमाऊं की पहाड़ियों तथा हिमालय की घाटी का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। यह पक्षी निहारने तथा वन्य जीव फोटोग्राफी के लिए एक आदर्श स्थान है।

Binsar Wildlife Sanctuary बिनसार वन्यजीव अभयारण्य
बिनसार वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना 1988 में की गई थी और यह 900 से 2500 मीटर की अलग-अलग ऊंचाई पर 45.59 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसकी औसत ऊंचाई 2412 मीटर बनती है। यहां पर तरह-तरह के पेड़-पौधों की भरमार है, जिनकी खूबसूरती में बहते हुए झरने चार चांद लगा देते हैं। बर्ड लाइफ इंटरनैशनल द्वारा अभयारण्य को पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र घोषित किया गया है क्योंकि यहां पर पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें फोर्कटेल, ब्लैकबर्ड्स, लाफिंग थ्रश, कालिज पीसैंट, नुथाचेस, पैराकीट्स तथा मोनल आदि शामिल हैं।

घना बिनसार वन्यजीव अभ्यारण्य 200 वन्य जीवों का भी घर है, जिनमें बार्किंग डीयर, हिमालयन डीयर, तेंदुआ, लोमड़ी, मस्क डीयर, लंगूर, साही, उड़ने वाली गिलहरी, चीतल तथा जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं। बिनसार का मौसम सारा वर्ष स्वास्थ्यप्रद रहता है। मॉनसून में यहां हर ओर हरियाली देखने को मिलती है तथा सर्दियों में यहां हिमपात होता है। यहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री सैंटीग्रेड तथा न्यूनतम तापमान सर्दियों में 0 डिग्री सैंटीग्रेड तक गिर जाता है।  बिनसार जाने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय गर्मियों के दौरान तथा अक्तूबर-नवम्बर के महीनों में होता है।

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Jageshwar जागेश्वर : बिनसार से 56 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1870 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर कुमाऊं का एक महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्य है। देवदार के घने जंगल में स्थित जागेश्वर भगवान शिव का मंदिर है, जिसका पौराणिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जागेश्वर मंदिर भगवान शिव का आठवां द्वादश ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर मध्ययुगीन भारत की एक कलात्मक रचना है।

Chitai Temple or Golu Devta चिताई मंदिर या गोलू देवता :  चिताई मंदिर गोलू देवता को समर्पित है जो गौड़ भैरव के अवतार थे। यह बिनसार से 44 किलोमीटर दूर स्थित है। इस पवित्र मंदिर के देवता हर इच्छा पूरी करने के लिए जाने जाते हैं, यदि साफ मन से मांगा जाए। कोई गोलू देवता को पत्र लिखकर भी उनसे कुछ भी मांग सकता है।

Almora अलमोड़ा : यह अपनी खूबसूरती,  हिमालय के मनोरम दृश्यों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विलक्षण वन्य जीवों, विशिष्ट हस्तशिल्पों तथा स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। अलमोड़ा पूर्व में पिथौरागढ़, पश्चिम में गढ़वाल, उत्तर में बागेश्वर तथा दक्षिण में नैनीताल से घिरा हुआ है। शानदार दृश्यावली वाला अलमोड़ा हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। अलमोड़ा  का विकास चांद राजाओं द्वारा किया गया तथा फिर इसका रख-रखाव व विकास अंग्रेजों द्वारा किया गया। अलमोड़ा बिनसार से 38 किलोमीटर की दूरी पर है।

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Katarmal Sun Temple काटरमल सूर्य मंदिर : 800 वर्ष प्राचीन काटरमल सूर्य मंदिर भारत में स्थित चुनिंदा सूर्य मंदिरों में से एक है और कोणार्क के विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर है।

Nanda Devi Temple नंदा देवी मंदिर : प्रसिद्ध नंदा देवी मंदिर मॉल के ऊपर बाजार में स्थित शिव मंदिर की ड्योढ़ी में स्थित है। प्रत्येक वर्ष यहां नंदा देवी मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें आसपास के सभी क्षेत्रों से लोग शामिल होते हैं। 1000 वर्ष पुराना यह मंदिर अलमोड़ा के मुख्य आकर्षणों में से एक है।

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Baijnath Temple बैजनाथ मंदिर : बागेश्वर में तीसरा सर्वाधिक जाना-पहचाना मंदिर बैजनाथ मंदिर है जो उन कुछ मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव तथा पार्वती दोनों की पूजा की जाती है।  

Almora Bazar अलमोड़ा बाजार : अलमोड़ा पश्मीना शालों, तांबे के बर्तनों, रंगोली पेंटिंग्स, पारम्परिक कमाऊंनी ज्वैलरी तथा प्रसिद्ध कमाऊं बाल मिठाई की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है।

 

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