mahakumb

कैसे हुआ था बाली और सुग्रीव का जन्म?

Edited By Jyoti,Updated: 30 Jun, 2021 04:09 PM

birth story of bali and sugriva

रामायण की ऐसे कई पात्र हैं जिनका श्रीराम के जीवन में हम महत्व रहा है। इन्हीं में से एक थे राजा सुग्रीव। सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लगभग लोग ही जानते हैं कि सुग्रीव को उसका राज्य वापस लाने के

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
रामायण की ऐसे कई पात्र हैं जिनका श्रीराम के जीवन में हम महत्व रहा है। इन्हीं में से एक थे राजा सुग्रीव। सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लगभग लोग ही जानते हैं कि सुग्रीव को उसका राज्य वापस लाने के लिए श्री राम ने सुग्रीव के बड़े भाई बाली का वध किया था। पर क्या किसी को यह पता है कि सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ था? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के द्वारा बताते हैं ऐसे कथा जिसके अनुसार सरोवर से निकली मोहनी के बालों से राजा बलि का जन्म हुआ था तथा गले से राजा सुग्रीव का आइए जानते हैं यह पूरी कथा।

पौराणिक कथाओं के अनुसार सुमेरु पर्वत पर ब्रह्मा जी का कोट था जो 100 योजन विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ था एक बार की बात है वहां तपस्या करते हुए अचानक से ब्रह्मा जी की आंख से आंसू की दो बूंदे गिर गई तो ब्रह्मा जी ने उन्हें हादसे पहुंच दिया। तब एक बार धरती पर गिर गई जिससे एक वानर का जन्म हुआ। तब उन्होंने कहा तुम इस पहाड़ी की चोटी पर रहोगे।

इस पर वानर वहीं रहकर नियमित रूप से ब्रह्मा जी को पुष्प अर्पित करने लगा। कई दिन बीत जाने के बाद एक दिन रीछ राज वहां से गुजरे उन्हें बहुत तेज प्यास लगी तो उन्होंने तलाब में झुक कर पानी पीने का प्रयास किया। इस दौरान वहां उन्हें परछाई दिखाई दी जिस पर उन्हें लगा कि कोई दुश्मन उन्हें मारने के लिए आ रहा है तो वह तालाब में कूद गए परंतु जब तालाब से बाहर निकले तो वह एक सुंदर खूबसूरत युवती में बदल चुके थे।

इसी दौरान इंद्र और सूर्यदेव वहां से गुजर रहे थे जिनकी नजर इस सुंदर इतनी पर पड़ी तो वे दोनों मोहित हो गए। इस दौरान इंद्र देव की मणि सुंदरी के पास जा गिरी जिससे एक वानर का जन्म हुआ। क्योंकि वानर का जन्म युवती के बालों से हुआ था इसलिए इसका नाम बाली पड़ा। जबकि इसी युवती के गले पर सूर्य की मणि जा गिरी जिससे एक और वानर का जन्म हुआ जो आगे चलकर सुग्रीव के नाम से जाना गया।

हालांकि यह दोनों एक जैसे ही दिखते थे। यही वजह थी कि वध के समय श्री राम को सुग्रीव को पहचानने में मुश्किल हुई थी और उन्हों उसके गले में माला डालनी पड़ी थी। कथाओं के अनुसार इंद्र ने बाली को एक सोने का हार दिया जबकि सूर्यदेव ने सुग्रीव को हनुमान जी के रूप में एक सच्चा मित्र और रक्षक भेंट किया। कहा जाता इन दोनों वानरों की उतपत्ति के बाद युवती दोबारा रीछराज में बदल गई। इसलिए कहा जाता है रीछराज ही बाली और सुग्रीव की मां और पिता है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!