दशानन ने इस शिवलिंग की पूजा कर प्राप्त की थी सोने की लंका, प्रधानमंत्री से लेकर फूलन देवी तक आ चुके हैं इस मंदिर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Oct, 2024 11:27 AM

bisrakh shiv mandir

दिल्ली से मात्र 30 कि.मी. दूर गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में एक गांव है बिसरख, जो सतयुग में वीरपुर के नाम से जाना जाता था। इस वीरपुर के पास कभी गंगा और यमुना की संगम

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bisrakh shiv mandir: दिल्ली से मात्र 30 कि.मी. दूर गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में एक गांव है बिसरख, जो सतयुग में वीरपुर के नाम से जाना जाता था। इस वीरपुर के पास कभी गंगा और यमुना की संगम स्थली हुआ करती थी क्योंकि उस वक्त हरनंदी नदी गंगा नदी की धारा से निकल कर उपनदी के रूप में बहती थी, जो वक्त के साथ-साथ अब गंगा नदी की बजाए यमुना नदी की उपनदी के रूप में बह रही है, जिसमें हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है। ब्राह्मणों की तपोभूमि वीरपुर में विश्वासवा ऋषि का आश्रम था। आश्रम में उनके पिता पुलस्त्य ऋषि ने अष्टमुखी शिवलिंग की स्थापना की थी। विश्वासवा के पुत्र रावण ने इस तपोभूमि के आश्रम में जन्म लिया था।

PunjabKesari Bisrakh shiv mandir

बाल्यावस्था में दशानन (दस व्यक्तियों की बृद्धि रखने वाला) के रूप में जाने जाने वाले रावण ने इसी शिवलिंग की अर्चना कर शिवजी से वरदान में शक्तियां पाईं और पिता द्वारा भाई कुबेर को दी गई सोने की लंका पर अपना अधिकार कर लिया था। इसके बाद कुबेर ने इसी शिवलिंग की अर्चना कर बैकुंठ धाम की ओर प्रस्थान किया था। रावण के जन्म व इस स्थान का जिक्र विष्णु पुराण व शिव पुराण में भी है। वीरपुर से बिसरख महाभारत काल में हुआ, जब पांडु पुत्र अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्वारका से आए यदुवंशियों को सुरक्षा देने के लिए इसे बसाया था। पांडु पुत्रों ने जुए में हार के बाद जो 5 गांव मांगे थे, उसमें से एक मिहिर प्रस्थ का जंगल था, जो वर्तमान में मारीपत गांव के नाम से जाना जाता है।

PunjabKesari Vijayadashami

तांत्रिक चंद्रास्वामी ने कराई थी पुरातत्व विभाग से खुदाई, निकला था 24 मुखी शंख
इस बिसरख गांव व रावण की जन्म स्थली की चर्चा 90 के दशक में शुरू हुई, जब तांत्रिक चंद्रास्वामी ने पुरातत्व विभाग की एक टीम के साथ इस बिसरख गांव व शिव मंदिर को लेकर खुदाई कराई थी। उस समय पुरातत्व विभाग की टीम को 24 मुखी शंख मिला था और महाभारत कालीन कुछ अवशेष भी मिले थे। इसके बाद इस शिवलिंग को लेकर आस्था व मान्यता का अटूट संबंध हो गया। क्षेत्र ही नहीं देश व विदेश से भी लोग दशहरा व अन्य उत्सवों पर इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। शहरी अध्ययन विद्वान वंदना वासुदेवन ने अपनी पुस्तक ‘अर्बन विलेजर लाइफ इन एन इंडियन सैटेलाइट टाऊन’ (2013) में दावा किया है कि अष्टकोणीय शिवलिंग को पास के एक जंगल से निकाला गया था और मंदिर में रखा गया था। गांव में अन्य देवताओं को समर्पित कई मंदिर हैं, जिनमें से कई सौ साल से अधिक पुराने हैं।

PunjabKesari Bisrakh shiv mandir

There is no end to Shivling, many people have tried शिवलिंग का कोई नहीं छोर, कई लोग कर चुके हैं कोशिश
ग्रामीणों के अनुसार इस अष्टमुखी शिवलिंग का कोई छोर नहीं है। कहते हैं कि इस मंदिर की जमीन पर कब्जा करने के लिए कई बार प्रयास हुआ और शिवलिंग को उखाड़ने की कोशिश की गई। जितना ही शिवलिंग को निकालने के लिए खोदा गया वह उतना ही अंदर मिलता गया, जिसका कोई छोर नहीं मिला। वहीं कुछ ने इस शिवलिंग को मिट्टी व अन्य चीजों से ढकने का प्रयास किया लेकिन अगले ही दिन यह शिवलिंग उससे भी बड़े रूप में वहां उभर कर स्थापित दिखाई दिया, जिसके बाद लोगों ने इस मंदिर व शिवलिंग को चमत्कारी मान कर कब्जा करने की कोशिशें छोड़ दीं।

From Prime Minister Chandrashekhar to bandit beauty Phoolan Devi have come to the temple प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से लेकर दस्यु सुंदरी फूलन देवी तक आ चुकी हैं मंदिर
कहते हैं कि मंदिर की मान्यता व आस्था के बारे में सुन कर नेता चंद्रशेखर तांत्रिक चंद्रास्वामी के कहने पर यहां आए और उन्होंने पूजा-अर्चना की और कुछ समय बाद ही वह देश के प्रधानमंत्री बन गए। इसी तरह जेल में बंद फूलन देवी को भी इस मंदिर के बारे में पता चला और उन्होंने इस मंदिर में आने की मन्नत मांगी। कुछ दिनों बाद ही उन्हें जमानत मिली और बाद में केस से छुटकारा भी मिला। जिसके बाद वह मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए कई बार आईं। इसके अलावा देश के कई और राजनेता भी मंदिर में पूजा करने के लिए आ चुके हैं।   

PunjabKesari Bisrakh shiv mandir


 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!