Edited By Lata,Updated: 28 Nov, 2019 12:39 PM
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कई बार व्यक्ति के जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, लेकिन वे इसका कारण नहीं समझ पाता।
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कई बार व्यक्ति के जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, लेकिन वे इसका कारण नहीं समझ पाता। आज के माडर्न लोग समझ नहीं पाते कि इसका कारण उनसे संबंधित ग्रहों से भी हो सकता है। व्यक्ति की साधारण दिनचर्या से लेकर हर महत्पूर्ण कार्य पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है। ग्रह अगर शुभ हों तो काया पलट देते हैं लेकिन अगर इनका प्रभाव बुरा हो तो व्यक्ति के लिए इनका सामना करना मुश्किल हो जाता है। इन्हीं ग्रहों में से एक ग्रह है गुरु। कहते हैं कि ये जिस राशि पर मौजूद हो तो उसका भी प्रभाव गुरु के प्रभाव के साथ संयुक्त हो जाता है।
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शास्त्रों में गुरुवार के दिन इनकी पूजा का विधान बताया है। कहते हैं कि जो व्यक्ति इनकी पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करता है, बृहस्पति देव उसकी सारी विपदा दूर कर देते हैं। मान्यता है कि व्यक्ति के हर कष्ट को दूर करने के लिए बृहस्पति का मूल मंत्र और शांति पाठ कल्याणकारी हो सकता है। आइए जानते हैं, इस दिन से जुड़े मंत्र के बारे में।
बृहस्पतिदेव का मूल मंत्र
।। ॐ बृं बृहस्पतये नम:।।
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बृहस्पति शांति पाठ
गुरु ज्ञान, प्रतिभा, वैभव, लक्ष्मी और सम्मान के प्रदाता हैं। ग्रह रूप में इनकी प्रतिकूल दृष्टि होने पर मनुष्य धन-संपत्ति आदि से हीन होकर बहुत दुख भोगता है। इनकी आराधना एवं पूजा से सभी प्रकार का सुख एवं ऐश्वर्य प्राप्त होता है।