Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Jul, 2024 09:20 AM
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आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा। बुधवार को प्रदोष पड़ने से यह बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
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July Pradosh Vrat Date 2024: आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा। बुधवार को प्रदोष पड़ने से यह बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि आषाढ़ माह के पहले प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में-
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Ashadh Pradosh fast auspicious time आषाढ़ प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 5 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 4 जुलाई को सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा।
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What to eat on Budh Pradosh fast बुध प्रदोष व्रत में क्या खाएं
बुध प्रदोष व्रत में हरे मूंग का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये पृथ्वी तत्व हैं और मंदाग्नि को शांत करता है। प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक न खाएं। सेंधा नमक खाया जा सकता है। पूर्ण उपवास या फलाहार भी किया जा सकता है।
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Pradosh Vrat Importance प्रदोष व्रत महत्व
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन शिव जी की अराधना करने से दौगुने फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस व्रत को रखने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है।
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Pradosh Vrat Puja Vidhi प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह-शाम स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
अब शिवलिंग का शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
इसके बाद शिव जी को फूल, बेलपत्र और पुष्प अर्पित करें।
फिर देसी घी का दीया जलाकर शिव जी के मंत्रों का जाप करें।
भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में आरती करें और सभी में प्रसाद बांट दें।
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