Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Feb, 2025 10:58 AM
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बुध ग्रह की दशा को कुंडली में खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, संचार क्षमता, व्यापारिक समझ, और मानसिक शांति पर प्रभाव डालता है। यदि आपकी कुंडली में बुध की दशा खराब है
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Budh Upay: बुध ग्रह की दशा को कुंडली में खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, संचार क्षमता, व्यापारिक समझ, और मानसिक शांति पर प्रभाव डालता है। यदि आपकी कुंडली में बुध की दशा खराब है तो इसका असर आपके करियर, शिक्षा, रिश्तों और मानसिक स्थिति पर हो सकता है। बुध का कमजोर प्रभाव आपकी व्यवसाय में असफलता और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। ऐसे में बुध ग्रह की स्थिति को ठीक करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए हैं। इन उपायों में से एक प्रमुख उपाय है बुध स्तोत्र का पाठ करना। यह स्तोत्र बुध ग्रह के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने और उसकी दशा को सुधारने में सहायक होता है। आइए जानते हैं इस स्तोत्र के बारे में और कैसे इसे पढ़ने से आपको लाभ हो सकता है।
बुध स्तोत्र
पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:पापहर्ता।
धर्मस्य धृक सोमसुत्: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च।।
प्रियंगु कनक श्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दन म।।
सोम सुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्य गुणान्वित:।
सदा शांत: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दन।।
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:।
सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं।।
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन:।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु।।
श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।
अहो चन्द्रास्त श्रीमन मागधर्मासमुदभव:।
अत्रि गोत्र चतुर्बाहु: खड्ग खेटक धारक:।।
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित:।
केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित:।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज:।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन:।।
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद:।।
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर:।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।
।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।।
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बुध स्तोत्र के लाभ:
यह स्तोत्र बुध ग्रह की ऊर्जा को शांति और संतुलन प्रदान करता है, जिससे आपकी बुद्धि में सुधार होता है और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है। यह विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है क्योंकि बुध ग्रह शिक्षा और मानसिक विकास से संबंधित है।
बुध ग्रह संचार और संवाद का प्रतिनिधि होता है। इस स्तोत्र के पाठ से आपकी वाणी में मधुरता, स्पष्टता और प्रभाव बढ़ता है, जिससे रिश्तों में सुधार होता है और कार्यस्थल पर आपकी छवि भी बेहतर बनती है।
यदि आप किसी नौकरी की तलाश में हैं, तो बुध स्तोत्र का नियमित पाठ करने से रोजगार में सफलता की संभावनाएं बढ़ती हैं।
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