Edited By Prachi Sharma,Updated: 26 Mar, 2025 11:24 AM

चैत्र अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो विशेष रूप से पवित्र होती है और इसे विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए समर्पित किया जाता है।
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Chaitra Amavasya 2025: चैत्र अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो विशेष रूप से पवित्र होती है और इसे विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन का महत्व खासकर धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है और इसे आत्मिक शांति और समृद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।चैत्र मास की अमावस्या का महत्व भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष रूप से अधिक है। यह दिन विशेष रूप से सत्य, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन को व्रत, उपवासी, पूजा और दान का दिन माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन दान और पुण्य के कार्यों से जीवन में शांति और समृद्धि आती है, साथ ही साथ जीवन के हर पहलू में सुधार होता है। खासकर इस दिन विशेष रूप से कुछ चीजों का दान किया जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और सभी तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए लाभकारी होते हैं।
चैत्र अमावस्या के दिन किए जाने वाले दान
अन्न दान
चैत्र अमावस्या पर अन्न दान का विशेष महत्व है। अन्न दान से व्यक्ति को अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और उसके घर में दरिद्रता का वास नहीं होता। यह दान गरीबों या ब्राह्मणों को किया जा सकता है और इसे विशेष रूप से इस दिन अधिक महत्व दिया जाता है। अन्न दान से न केवल पितरों को तृप्ति मिलती है, बल्कि परिवार में समृद्धि और खुशहाली भी आती है। जिनके पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है, उन्हें अन्न देना पुण्य का कार्य माना जाता है।
जल का दान
पानी का दान भी चैत्र अमावस्या के दिन अत्यधिक फलदायी माना जाता है। जल जीवन का स्रोत है और जल का दान न केवल शारीरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को समृद्ध भी बनाता है। अमावस्या के दिन जल का दान करने से पितरों को शांति मिलती है और व्यक्ति की मानसिक शांति भी बनी रहती है। विशेष रूप से इस दिन जल का दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है और यह व्यक्ति के जीवन से सभी संकटों को दूर करने में सहायक होता है। यह दान अपने आप में सभी परेशानियों से मुक्ति का प्रतीक है।
काले तिल का दान
काले तिल का दान विशेष रूप से पितृ दोषों को दूर करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि काले तिल के दान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति का वास होता है। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष के कारण कोई समस्याएं चल रही हों, तो इस दिन काले तिल का दान करने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में समृद्धि आती है।

चैत्र अमावस्या पर दान करने के लाभ
चैत्र अमावस्या पर किए गए दान से विशेष रूप से कृषि से संबंधित कार्यों में समृद्धि आती है। साथ ही, परिवार में भी सुख-शांति का वास होता है।
इस दिन दान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और वह पुण्य के भागी होते हैं। यह अमावस्या विशेष रूप से पापों के नाश के लिए लाभकारी मानी जाती है।
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई परेशानी या समस्या चल रही हो तो चैत्र अमावस्या के दिन दान करने से वह समस्याएं हल हो जाती हैं।
