Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Mar, 2025 03:23 PM

चैत्र माह का नवरात्रि पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व शक्ति की उपासना, देवी दुर्गा की पूजा और आदिशक्ति के रूप में मां भगवती की अराधना का पर्व है
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Chaitra Navratri 2025: चैत्र माह का नवरात्रि पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व शक्ति की उपासना, देवी दुर्गा की पूजा और आदिशक्ति के रूप में मां भगवती की अराधना का पर्व है। चैत्र नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान विशेष रूप से देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है लेकिन 2025 में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। इस बार नवरात्रि के व्रत 9 दिन नहीं, बल्कि 8 दिन तक ही होंगे। इस बदलाव को लेकर श्रद्धालुओं के बीच कई सवाल उठ रहे हैं और अब जानना जरूरी हो गया है कि ऐसा क्यों होगा और इसके पीछे का कारण क्या है।
2025 में नवरात्रि में बदलाव
हर साल नवरात्रि के व्रत 9 दिनों तक होते हैं लेकिन 2025 में एक विशेष स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके कारण नवरात्रि के व्रत एक दिन कम, यानी 8 दिन तक होंगे। इसका कारण यह है कि 2025 में नवरात्रि की तिथियों में एक दिन का क्षय हो जाएगा । इसके कारण नवरात्रि की पूजा में एक दिन की कमी हो जाएगी, जो सामान्य रूप से 9 दिन होती है।
क्या असर पड़ेगा पूजा और व्रत पर ?
चैत्र नवरात्रि के व्रत 9 दिनों तक होते हैं और यह बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और भक्त उन्हें 9 दिनों तक उपवासी रहकर अर्चना करते हैं। लेकिन इस बार 9 दिन की बजाय केवल 8 दिन ही पूजा हो सकेगी। इसका असर पूजा की अवधि पर तो पड़ेगा ही लेकिन भक्तों को किसी प्रकार की पूजा में कमी महसूस नहीं होगी क्योंकि 8 दिन का व्रत भी देवी दुर्गा की उपासना के लिए उतना ही पवित्र और प्रभावशाली माना जाता है।
इस तिथि का होगा क्षय
पंचांग के अनुसार 31 मार्च को द्वितीया तिथि सुबह 9:12 मिनट तक रहेगी और साथ में ही तृतीया तिथि लग जाएगी जो अप्रैल 1 अप्रैल को सुबह लगभग 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इसके अनुसार तृतीया तिथि का क्षय होगा। इस वजह से 31 मार्च को माता ब्रह्माचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा एक साथ की जाएगी।
Dates of Chaitra Navratri चैत्र नवरात्र की तिथि
मां शैलपुत्री- प्रतिपदा- 30 मार्च
मां ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा- द्वितीया और तृतीया तिथि का क्षय- 31 मार्च
मां कूष्मांडा- चतुर्थी- 1 अप्रैल
मां स्कंदमाता- पंचमी- 2 अप्रैल
मां कात्यायनी- षष्ठी- 3 अप्रैल
मां कालरात्रि- सप्तमी- 4 अप्रैल
मां महागौरी- अष्टमी- 5 अप्रैल
मां सिद्धिदात्री- नवमी- 6 अप्रैल
मां नवरात्रि - दशमी- 7 अप्रैल
नवरात्रि का समय देवी पूजा के साथ-साथ विशेष उपायों के लिए भी उपयुक्त होता है। इस दौरान किए गए कुछ उपायों से व्यक्ति का जीवन सुखमय, समृद्ध और शांति से भरा हो सकता है।
नवरात्रि के दौरान कुछ खास व्रत और पूजा से ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है।
व्यापार में उन्नति के लिए नवरात्रि के पहले दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करें और खासकर 8वें दिन विशेष हवन और पूजा करें।
अगर कोई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो, तो नवरात्रि के व्रत के दौरान उपवास रखने से शारीरिक ऊर्जा और मानसिक शांति प्राप्त होती है।