Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Mar, 2025 06:48 AM

आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान है। सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए साधक इनकी पूजा करते हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Chaitra Navratri 2nd Day: आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान है। सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए साधक इनकी पूजा करते हैं। देवी मां के स्वरुप की बात करें तो सफ़ेद रंग की साड़ी पहने माता के एक हाथ में माला और दूसरे में कमंडल है। माता के इस रूप को ब्रह्मा का स्वरुप भी माना जाता है। देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और ज्ञान में भी बढ़ोतरी होती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा के दूसरे रूप के रूप में पूजी जाती हैं। वे तपस्विनी देवी हैं, जिनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, तपस्या में सफलता, और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। उनकी पूजा विधि में विशेष सावधानी और श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए, ताकि मां का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा विधि और उपाय बेहद प्रभावी होते हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के कुछ अचूक उपायों को अपनाकर आप जीवन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और धन, सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि-
सबसे पहले, पूजा स्थल को शुद्ध करें। सफाई करने के बाद, एक स्वच्छ आसन पर बैठें या पूजा स्थान को पवित्र करने के लिए एक ताजे फूल से साफ करें।
पूजा स्थान पर लाल कपड़े बिछाएं क्योंकि ये रंग मां ब्रह्मचारिणी को प्रिय होते हैं। पूजा में मां ब्रह्मचारिणी की एक तस्वीर या मूर्ति रखें।
पूजा स्थल पर दीपक लगाएं और धूप या अगरबत्ती जलाएं। मां ब्रह्मचारिणी का आह्वान करें।
मां के मंत्रों का जाप: पूजा के दौरान मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ होता है।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
ध्यान और साधना:
पूजा के बाद कुछ समय ध्यान लगाएं और मां ब्रह्मचारिणी की उपस्थिति का अनुभव करें। इस दौरान अपने जीवन में आ रही परेशानियों और समस्याओं का समाधान मां से मांगे।
पूजा के बाद, मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें।
अंत में, मां ब्रह्मचारिणी से आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन के सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करें।