Edited By Sarita Thapa,Updated: 31 Mar, 2025 07:47 AM

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई, जबकि कल दूसरे दिन, देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन उनकी पूजा करने से आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं।
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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई, जबकि आज दूसरे दिन, देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन उनकी पूजा करने से आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। कठोर तपस्या और ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली मां ब्रह्मचारिणी को शत शत नमन है। मान्यता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में अच्छे गुण आते हैं।
साथ ही आपके अंदर त्याग, सदाचार और संयम की भावना बढ़ती है। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। यह तप, त्याग, संयम और सदाचार जैसे गुणों को भी बढ़ावा देती है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक माने जाते हैं। मां झंडेवाली मंदिर में ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। मंदिर के ट्रस्टी रवींद्र गोयल कहते हैं कि यहां मां के नौ दिन विशेष पूजा का आयोजन होता है। दूसरे दिन भी मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा होती है। जिसमें भारी संख्या में भक्त उपस्थित होते हैं। विशेष प्रिय भोग, मंत्र और आरती प्रसाद भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।