Chaitra Navratri Ghatasthapana 2025: चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए 50 मिनट खास, यहां पढ़ें कलश स्थापना का सही मुहूर्त

Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Mar, 2025 02:00 PM

chaitra navratri ghatasthapana 2025

30 मार्च यानी आज से नवरात्रि के पावन की शुरुआत होने जा रही है। आने वाले पूरे नौ दिन जगत जननी की उपासना के लिए बेहद होंगे। इस दौरान की गए पूजा-पाठ, व्रत-उपवास आपके जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आएंगे

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chaitra Navratri Ghatasthapana 2025: 30 मार्च यानी आज से नवरात्रि के पावन की शुरुआत होने जा रही है। आने वाले पूरे नौ दिन जगत जननी की उपासना के लिए बेहद होंगे। इस दौरान की गए पूजा-पाठ, व्रत-उपवास आपके जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आएंगे। चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भक्तिपूर्ण तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व वर्ष में दो बार आता है। हिन्दू धर्म में नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना या कलश स्थापना का कार्य इस पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। घटस्थापना, जिसे हम कलश पूजा भी कहते हैं, नवरात्रि की शुरुआत का सबसे महत्वपूर्ण कर्म है। इस दिन पूजा की शुरुआत में एक कलश की स्थापना की जाती है, जो देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक होता है। कलश स्थापना से घर में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद की वर्षा होती है। कलश के ऊपर आम या बड़ के पत्ते रखकर उसमें जल, सुपारी, सिक्के, चावल और नारियल डाले जाते हैं। इसके साथ-साथ देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है। यह पूजा न केवल घर को शुद्ध करती है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। तो चलिए जानते हैं घट स्थापना का मुहूर्त।

PunjabKesari Chaitra Navratri Ghatasthapana 2025

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त

घटस्थापना मुहूर्त - 06:13 ए.एम से 10:22 ए.एम
अवधि - 4 घंटे 8 मिनट
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त - 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम

इस मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा आपके जीवन में खुशियों की बौछार लेकर आती हैं।

PunjabKesari Chaitra Navratri Ghatasthapana 2025

घटस्थापना की विधि:
सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थान की पूरी सफाई करें। यह सुनिश्चित करें कि पूजा स्थल पूरी तरह से शुद्ध हो। इसके बाद वहां ताजे फूल, दीपक और अन्य पूजा सामग्री रखें।

एक पवित्र जगह पर एक चौकी रखें और उस पर सफेद कपड़ा बिछाकर कलश स्थापित करें। कलश को पानी से भरें और उसमें सुपारी, सिक्के, चावल, फूल और नारियल रखें। फिर कलश के मुंह को आम या बड़ के पत्तों से ढक लें।

कलश के चारों ओर दीपक लगाएं और देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें। आप ॐ दुं दुर्गायै नम: जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं। पूजा के दौरान हर दिन देवी के नौ रूपों की पूजा करें।

 कलश स्थापना के साथ-साथ नवग्रह पूजा का भी आयोजन करें क्योंकि नवरात्रि का यह समय ग्रहों के शांति और संतुलन के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है।
 कलश की पूजा करने के बाद देवी दुर्गा को प्रसाद अर्पित करें। इसमें विशेष रूप से फल, मिठाई और गुड़ का प्रयोग करें। प्रसाद के रूप में देवी को भोग अर्पित करने से घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है।

पूजा के दौरान देवी दुर्गा की छवि या चित्र को रखें और उनके सामने फूलों और दीपकों से पूजा करें। दीप जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
 
PunjabKesari Chaitra Navratri Ghatasthapana 2025

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Punjab Kings

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!