Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Nov, 2022 11:09 AM
आचार्य चाणक्य ऐसे महान विद्वान हुए हैं, जिनके बताए रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति कभी भी हार का सामना नहीं कर सकता। तभी तो एक साधारण बालक चन्द्रगुप्त मौर्य भारत का विशाल साम्राज्य संभालने में कामयाब हुआ।
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Chanakya Niti formula: आचार्य चाणक्य ऐसे महान विद्वान हुए हैं, जिनके बताए रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति कभी भी हार का सामना नहीं कर सकता। तभी तो एक साधारण बालक चन्द्रगुप्त मौर्य भारत का विशाल साम्राज्य संभालने में कामयाब हुआ। आप भी उनकी उपयोगी नीतियों को अपनाकर न केवल अपनी सोच को सकारात्मक विस्तार दे सकते हैं बल्कि भ्रष्टाचार से कोसों दूर रह सकते हैं। यदि आप कोई नया काम शुरु करने की इच्छा रखते हैं तो आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए सूत्रों को फॉलो करने से आप जीवन में कभी भी हार का सामना नहीं करेंगे।
चाणक्य नीति में लिखे श्लोक के अनुसार- तद् विद्वद्भिः: परीक्षेत।
भावार्थ : जब कोई नया कार्य प्रारंभ करना हो तो उसके विषय में अनुभवी विद्वानों से पूछकर ही करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त किसी अन्य पर पूर्ण रुप से भरोसा न करके समय, जगह और काम में भागीदारों की पड़ताल करें। अपनी काबिलियत पर भरोसा रखें तभी आप सफल होंगे। अपने भीतर के आइडिया अपने तक रखें, उसे दूसरों के साथ शेयर करने की भूल न करें। चाणक्य कहते हैं, तीखा और कड़वा बोलने वाले का व्यापार कभी भी सफलता के परचम नहीं लहरा सकता लेकिन परिस्थितियों के अनुसार कुछ कड़े और अनिश्चित फैसले लेने में गुरेज न करें। बिजनेस का दूसरा नाम ही जोखिम है।
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भ्रष्ट होते हैं संयमहीन व्यक्ति ज्ञात्वापि दोषमेव करोति लोक:।
भावार्थ : मनुष्य की यह स्वाभाविक वृत्ति है कि वह जान-बूझकर अपराध की ओर जल्दी प्रवृत्त हो जाता है। कह सकते हैं कि संयमहीन व्यक्ति जल्दी भ्रष्ट हो जाते हैं।
आचार्य चाणक्य के द्वारा खुद के विवेक पर नियंत्रण रखने की सीख दी गई है।