Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Feb, 2024 09:58 AM
आचार्य चाणक्य की नीतियां सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र हैं। ये ऐसा खजाना है जिसका अनुसरण करने वाला जीवन
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र हैं। ये ऐसा खजाना है जिसका अनुसरण करने वाला जीवन में हर सुख का भोग करता है। चाणक्य की नीति फर्श पर पड़े व्यक्ति को अर्श तक पहुंचाने में मदद करती हैं। जीवन में अगर शांति और सुख पाना चाहते हैं तो इन नीतियों को अपनी रोजाना जिंदगी में जरूर उतारना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार गलत तरीके से कमाए हुए धन से व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं हो सकता। ईमानदारी से कमाया हुआ धन बना सकता है आपको मुकदर का सिकंदर।
समुद्र के पानी से ‘प्यास’ नहीं बुझती
नाम्भोधिस्तृष्णामपोहति।
भावार्थ : समुद्र का पानी खारा होता है। उससे प्यास नहीं बुझाई जा सकती। कहने का तात्पर्य यही है कि पाप की कमाई से कोई भी व्यक्ति संतुष्ट नहीं हो सकता। जो संतुष्ट होने का दिखावा करता है, वह अपने आपको धोखा ही देता है। इस प्रकार के व्यक्ति से दूर रहना ही उत्तम है।
सुधर नहीं सकते ‘दुष्ट’ व्यक्ति
बालुका अपि स्वगुणमाश्रयंते
भावार्थ : जिस प्रकार बालू अपने रूखे स्वभाव को नहीं छोड़ सकती, उसी प्रकार दुष्ट भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ पाता। नीच व्यक्ति के द्वारा दिया गया धन, जन कल्याणार्थ नहीं होता क्योंकि उसमें जन कल्याण की सहज भावना नहीं होती। इस तरह का धन हमेशा गलत कार्यो के लिए ही इस्तेमाल होता है।