Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jun, 2024 09:25 AM
जो राजा अपने शत्रु राजा की गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखता है, वह कभी असफल नहीं हो सकता।
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शत्रु के प्रयत्नों की ‘समीक्षा’
करते रहना चाहिए
अरिप्रयत्नमभिसमीक्षेत्।
जो राजा अपने शत्रु राजा की गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखता है, वह कभी असफल नहीं हो सकता।
अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करें
न ज्यायसा समेन वा।
यदि राजा ऐसा अनुभव करे कि सामने वाला शत्रु अधिक शक्तिशाली है या उसी के समान बलशाली है तो उससे शत्रुता नहीं करनी चाहिए।
कच्चा पात्र कच्चे पात्र से टकराकर ‘टूट’ जाता है
आमपात्रमा केन सह विनश्यति।
समान शक्ति वाले दो राजाओं में युद्ध होने पर दोनों का ही नुकसान होता है।
शत्रु के कमजोर होने पर ही आक्रमण करें
बलवान हीनेन विग्रहणीयात्।
एक राजा को दूसरे राजा से तभी युद्ध करना चाहिए, जब वह उसकी शक्ति का पूर्वानुमान लगा ले। यदि सामने वाला राजा शक्तिशाली है तो उसे युद्ध से यथासंभव बचते रहना चाहिए।