Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Jul, 2024 11:19 AM
आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां हमेशा से कारगर रही हैं। चाणक्य नीति में ऐसी बहुत ही बातें लिखी हैं जो पुरातन समय से चली आ रही हैं। आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के कई पहलुओं के
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां हमेशा से कारगर रही हैं। चाणक्य नीति में ऐसी बहुत ही बातें लिखी हैं जो पुरातन समय से चली आ रही हैं। आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने के कई पहलुओं के बारे में बताया है। जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को आसान और सरल बना सकता है। उन्होंने अपनी नीति में इस चीज का भी जिक्र किया है कि मनुष्य का यह शरीर नाशवान है। बहुत सारी कमियां होने के बावजूद भी भगवान ने इस शरीर को एक ऐसी शक्ति दी है जिसके द्वारा हम जीवन को संवार सकते हैं।
अग्नि के समान तेजस्वी का ही सहारा लेना चाहिए
अग्निवद्राजानमाश्रयेत्।
भावार्थ : जो राजा अग्नि के समान तेजस्वी हो, वीर हो, समृद्ध हो, उसी का आश्रय लेना चाहिए, तभी विकास और सुरक्षा की संभावना हो सकती है। जो राजा वीर होता है उसके साथ रह कर कोई भी व्यक्ति उसको नुकसान पहुंचाने से घबराता है।
राजा के प्रतिकूल आचरण न करें
राज्ञ: प्रतिकूलं नाचरेत्।
भावार्थ : प्रजा को चाहिए कि वह राजा अथवा राजाज्ञा के प्रतिकूल आचरण न करे। इससे वह विद्रोही कहलाती है, तब राजशक्ति उसका दमन करके उसे क्लेश पहुंचा सकती है।
संधि और एकता होने पर भी सतर्क रहें
सन्धायैकतो वा।
पड़ोसी राजा से संधि और एकता होने पर भी उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और सावधान रहना चाहिए। कई बार दोस्ती होने पर हम उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन इस दौरान ही कोई खास हमारे पीठ पर छुरा खोप सकता है।