Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Aug, 2024 01:48 PM
काशी को महादेव की नगरी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति इस जगह पर अपनी अंतिम साँस लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वजह से कई लोग अपने अंत समय में यहां
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काशी को महादेव की नगरी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति इस जगह पर अपनी अंतिम साँस लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वजह से कई लोग अपने अंत समय में यहां आ जाते हैं। काशी भोलेनाथ की सबसे प्यारी नगरी है। हिंदू धर्म में इसे सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। बनारस के कण-कण में शिव में हैं, या यूं भी कह सकते हैं यहां पर हर एक कंकड़ शंकर है। बनारस गंगा नदी के तट पर स्थित है। गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। मंदिरों के अलावा आज इस आर्टिकल में बात करने जा रहे हैं एक ऐसे कुएं के बारे में जो हमें मृत्यु की भविष्यवाणी की देता है। सुनने में शायद ये थोड़ा अजीब लगे लेकिन आसपास के लोगों के अनुसार इस कुएं से जुड़ी बहुत सी घटनाएं हैं जो सच हुई हैं। यदि आप भी सोच रहे हैं ये सच है या झूठ तो चलिए जानते हैं क्या है इस कुएं का सच।
Chandrakup Well चंद्रकूप कुआं
इस रहस्यमई कुएं का नाम है चंद्रकूप कुआं। ये कुआं काशी विश्वनाथ मंदिर के के काफी नजदीक है। ये कुआं कोई आम कुआं नहीं है ये मौत की भविष्यवाणी करता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति इस कुएं में झांकता है और यदि वो अपनी परछाई नहीं देख पा रहा है तो इसका मतलब उसके मृत्यु का समय निकट है। यानी की आने वाले 6 महीने में उसका जीवन समाप्त हो जाएगा। मान्यता है कि आसपास में ऐसी कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसलिए लोग कुएं की भविष्यवाणी को सच मानते हैं।
ये कुआं सिद्धेश्वरी मोहल्ले में सिद्धेश्वरी मंदिर का ही एक हिस्सा है। यहां पर एक भगवान शिव का शिवलिंग भी है। ये नवग्रह शिव लिंगों का हिस्सा है, दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करते हैं। किवदिंतियों के अनुसार इस अनोखे कुंए का निर्माण चंद्रकूप ने किया था, जो बहुत बड़ा शिव भक्त था। इस कुएं के पानी के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए जो भी भक्त यहां शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आता है इस कुएं के दर्शन के बिना वापिस नहीं जाता है।
अमावस्या और पूर्णिमा के दौरान यहां बहुत से भक्तों का तांता लगा रहता है।