Chhath Puja: छठ पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान, सुखी बसेगा आपका परिवार

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Nov, 2024 12:41 PM

chhath puja

Chhath Puja 2024: छठ पूजा एक विशेष धार्मिक पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मईया की पूजा की जाती है। इस पूजा में न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है, ताकि पूजा का फल...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chhath Puja 2024: छठ पूजा एक विशेष धार्मिक पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मईया की पूजा की जाती है। इस पूजा में न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है, ताकि पूजा का फल उत्तम मिले। यहां छठ पूजा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमों का उल्लेख किया जा रहा है:

PunjabKesari Chhath Puja

घर और पूजा स्थल का स्थान:
मुख्य दिशा:
छठ पूजा के दौरान घर या पूजा स्थल का दिशा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। घर का पूजा स्थल या अर्घ्य स्थल पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। सूर्य देवता की पूजा और अर्घ्य देने के लिए ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं।

स्वच्छता और वायु प्रवाह: पूजा स्थल स्वच्छ और खुले स्थान पर होना चाहिए, जहां ताजे वायु का प्रवाह हो। घर के अंदर ताजे वायु का आना-जाना और प्रकाश अच्छा होता है।

छठी मईया की पूजा का स्थान: पूजा स्थल का चयन करते वक्त ध्यान रखें कि वह जगह उच्च और साफ हो। छठी मईया की पूजा करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

पूजा स्थान की सफाई: पूजा स्थल को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखें। वहां किसी भी प्रकार की गंदगी या बिखरी हुई वस्तु नहीं होनी चाहिए।

PunjabKesari Chhath Puja

सूर्य को अर्घ्य देते समय वास्तु नियम:
स्थान का चयन:
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक खुले स्थान का चयन करें, जो पूर्व या उत्तर दिशा में हो। यह दिशा सूर्य के उगने की दिशा मानी जाती है और शुभ है।

सूर्य के सामने कोई अवरोध न हो: अर्घ्य देने के दौरान सूर्य के दर्शन में कोई अवरोध न हो जैसे कि पेड़, दीवार या अन्य कोई बड़ी संरचना।

पानी का स्रोत: अर्घ्य देते समय पानी साफ और ताजा होना चाहिए। पानी का स्रोत खुले क्षेत्र से होना चाहिए ताकि सूर्य की किरणों का प्रभाव सही तरीके से अर्घ्य पर पड़े।

अर्घ्य का पात्र: अर्घ्य देने के लिए ताम्बे या किसी अन्य पारंपरिक धातु से बना पात्र उत्तम माना जाता है। पात्र को ध्यान से साफ करें, ताकि यह ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक बने।

घर के अंदर पूजा का स्थान: पूजा स्थल की दिशा के अलावा, घर के अंदर वास्तु के अनुसार छठ पूजा के समय विशेष ध्यान दें कि वहां का वातावरण शांत और पवित्र हो। घर के कोने में या किसी बंद स्थान में पूजा न करें, बल्कि खुले, हवादार स्थान पर पूजा करें। दीपक और अगरबत्ती जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो पूजा के लिए लाभकारी है।

PunjabKesari Chhath Puja

आलिंगन और स्थान की रचना: छठ पूजा के दौरान किसी भी प्रकार का झगड़ा या विवाद नहीं होना चाहिए। परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर पूजा में सम्मिलित हों और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें।

अच्छे विचार और इरादे: पूजा के दौरान किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों को त्याग दें। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि शुभ काम करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे पूजा के परिणाम अच्छे होते हैं।

छठ पूजा में वास्तु के नियमों का पालन करने से न केवल पूजा का वातावरण पवित्र और सकारात्मक रहता है बल्कि सूर्य देवता और छठी मईया की कृपा भी प्राप्त होती है। इन उपायों से पूजा की ऊर्जा अधिक प्रभावी और फलदायक होती है।

PunjabKesari Chhath Puja

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!