mahakumb

Chinnamasta Jayanti: आज मनाई जाएगी छिन्नमस्ता जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 May, 2024 08:29 AM

chinnamasta jayanti

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह की चतुर्दशी तिथि को छिन्नमस्ता जयंती मनाई जाती है। मां छिन्नमस्ता 10 महाविद्याओं में से एक हैं। छिन्नमस्ता जयंती के दिन मां की आराधना करने से हर कार्य में सफलता मिलती है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chinnamasta Jayanti 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह की चतुर्दशी तिथि को छिन्नमस्ता जयंती मनाई जाती है। मां छिन्नमस्ता 10 महाविद्याओं में से एक हैं। छिन्नमस्ता जयंती के दिन मां की आराधना करने से हर कार्य में सफलता मिलती है और तंत्र-मंत्र की सिद्धियां प्राप्ति होती हैं। साथ ही जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं, आज छिन्नमस्ता जयंती का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि-

PunjabKesari Chinnamasta Jayanti

Chhinnamasta Jayanti date and auspicious time छिन्नमस्ता जयंती डेट और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 मई, 2024 दिन मंगलवार शाम 5 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 22 मई, 2024 दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में छिन्नमस्ता जयंती इस साल 21 मई को मनाई जाएगी।

PunjabKesari Chinnamasta Jayanti

Importance of Chhinnamasta Jayanti छिन्नमस्ता जयंती का महत्व
छिन्नमस्ता देवी 10 महाविद्याओं में से छठी देवी हैं। इनकी पूजा मुख्य रूप से तांत्रिकों द्वारा की जाती है। गृहस्थ जीवन वाले लोगों को बहुत ही सावधानी पूर्वक और सामान्य रूप से इनकी पूजा करनी चाहिए। आज मां छिन्नमस्ता की पूजा करने से तंत्र-मंत्र से संबंधित सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मन की हर मनोकामना पूरी करने के लिए आज का दिन बहुत श्रेष्ठ है।

PunjabKesari Chinnamasta Jayanti

Chhinnamasta Jayanti Puja Vidhi छिन्नमस्ता जयंती पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
मां छिन्नमस्ता का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
फिर एक वेदी पर मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा स्थापित करें।
देवी को गंगाजल, पंचामृत व साफ जल से स्नान करवाएं।
अब मां छिन्नमस्ता को कुमकुम व सिंदूर का तिलक लगाएं और गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।  
इसके बाद फल-फूल, धूप-दीप, कुमकुम, अक्षत और मिठाई चढ़ाएं।
देवी के वैदिक मंत्रों का जाप और ध्यान करें।
अंत में मां छिन्नमस्ता की पूजा करके सुख-शांति की कामना करें। 

PunjabKesari Chinnamasta Jayanti

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!