Edited By Jyoti,Updated: 16 May, 2019 03:13 PM
![couples can not worship in shrai koti temple](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2019_5image_14_57_597255380temple-ll.jpg)
आप में से लगभग लोगों ने सुना होगा कि हिंदू धर्म में हर प्रकार के अनुष्ठानव धार्मिक कार्यों में पति के साथ पत्नी का बैठना बहुत अनिवार्य होता है। अगर ऐसा न हो तो कहते हैं वो धार्मिक कार्य संपन्न नहीं माना जाता है और न ही उसके शुभ फलों की प्राप्ति होती...
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आप में से लगभग लोगों ने सुना होगा कि हिंदू धर्म में हर प्रकार के अनुष्ठानव धार्मिक कार्यों में पति के साथ पत्नी का बैठना बहुत अनिवार्य होता है। अगर ऐसा न हो तो कहते हैं वो धार्मिक कार्य संपन्न नहीं माना जाता है और न ही उसके शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है हमारे भारत में कोई ऐसा मंदिर हो सकता है जहां पति-पत्नी के साथ पूजा करने पर अनर्थ हो सकता है। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है एक ऐसा मंदिर है जहां दंपत्ति का साथ जाना वर्जित है। इससे पहले आप सोचने लगे कि आख़िर ये मंदिर कहां है और ऐसा क्यों है तो चलिए आपको बताते हैं इस मंदिर के बारे में।
![PunjabKesari, Koti temple, shrai koti temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/15_02_3636033801.jpg)
ये मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है जिसे श्राई कोटि माता के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। इस मंदिर में पति-पत्नी को माता का पूजन और दर्शन पर पूरी तरह से रोक है। कहते हैं इस मंदिर में पति-पत्नी साथ आते तो हैं लेकिन एक साथ यहां दर्शन नहीं कर पाते। यहां पहुंचने वाले दंपत्ति अलग-अलग समय पर मां के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि अगर कोई शादीशुदा जोड़ा एक साथ यहां माता के दर्शन कर लेता है तो उन्हें सजा भुगतनी पड़ती है।
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पौराणकि कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेय को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने को कहा था, तब कार्तिकेय अपने वाहन पर बैठकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने चले गए थे, जबकि गणेश माता-पिता का चक्कर लगाया और शुव जी के सवाल करने पर कहा कि माता-पिता के चरण में ही सारा ब्रह्मांड बसता है। इसके बाद जब कार्तिकेय लौट कर आए तो उन्होंने देखा कि गणेश जी का विवाह हो चुका है। कहा जाता है कि इस घटना के बाद उन्होंने कभी भी शादी न करने का संकल्प ले लिया।
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इस बात से देवी पार्वती नाराज हो गई और उन्होंने श्राप दिया कि जो भी पति-पत्नी एक साथ यहां उनके दर्शन करेंगे, वह एक दूसरे से अलग हो जाएंगे। कहा जाता है कि यही कारण है जिस वजह से आज भी इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ दर्शन नहीं करते। मान्यता है कि कि अगर कोई दंपत्ति भूलवश इस मंदिर में एक साथ दर्शन कर लेता है तो उसके वैवाहिक जीवन में बाधाएं आने लगती हैं।