Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Aug, 2024 03:53 PM
हर साल देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का पर्व भी कृष्ण जी के
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Dahi handi 2024: हर साल देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का पर्व भी कृष्ण जी के जन्म की खुशी में ही मनाया जाता है। विशेषकर गुजरात और महाराष्ट्र और गोवा में बड़े ही धूमधाम से यह उत्सव मनाया जाता है। दही हांडी एक प्रसिद्ध खेल प्रतियोगिता है, जिसमें लोग बड़े ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं। ये त्योहरा ठाकुर जी की बाल लीलाओं से जुड़ा है। जिसे मनाकर भक्त उनकी लीलाओं का आभास करते हैं। साल 2024 में दही हांडी पर्व कब मनाया जाएगा और जानें इसका महत्व...
पंचांग के अनुसार दही हांडी का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी। ऐसे में दही हांडी का पर्व मंगलवार, 27 अगस्त के दिन मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को देवकी के गर्भ से भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को पूरे भारतवर्ष में कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। वहीं यह भी माना जाता है कि भगवान कृष्ण को माखन अति प्रिय था इसलिए वह अपने सखाओं के साथ मिलकर ऊपर चढ़कर माखन और दही से भरी मटकी फोड़ा करते थे इसलिए कान्हा जी को माखन चोर भी कहा जाता था। ऐसे में देशभर के अलग-अलग राज्यों में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को याद करते हुए दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है।
मुख्य रूप से गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र दही हांडी का अधिक प्रचलन है। इस दिन यहां दही हांडी की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती हैं। जिसमें न केवल भाग लेने बल्कि दर्शन के रूप में भी कई लोग पहुंचते हैं। इस दिन मिट्टी से बनी मटकी में दही भरकर ऊंचे स्थान पर लटका दिया जाता है। इसके बाद पुरुषों या महिलाओं का एक समूह, जिन्हें गोविंदा भी कहा जाता है, मानव पिरामिड बनाता है। इस मानव पिरामिड पर चढ़कर एक गोविंदा नारियल की सहायता से मटकी फोड़ता है।
कहते हैं कि जिस घर में कान्हा के कदम पड़ते थे उनके सारे दुख दूर हो जाते थे। मान्यता है कि घर में माखन चोरी के लिए मटकी फोड़ने से घर के दुख दूर हो जाते हैं और खुशियों का वास होता है।