Dev Diwali 2020: कल इस स्थान पर होंगे सभी देवी-देवताओं के दर्शन
Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Nov, 2020 07:31 AM
देव दिवाली का त्यौहार भगवान शिव की नगरी काशी के गंगा घाटों पर बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिपावाली मनाने सभी देवी-देवता यहां आते हैं।
Dev Diwali 2020: देव दिवाली का त्यौहार भगवान शिव की नगरी काशी के गंगा घाटों पर बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिपावाली मनाने सभी देवी-देवता यहां आते हैं। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। काशी में 84 घाट हैं, जिनमें सूर्य ढलने के बाद लाखों की तादात में दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। दीयों की जगमगाहट से सारी काशी रोशन हो जाती है।
Where is Dev Deepavali celebrated: इस वर्ष काशी के सभी घाटों पर 15 लाख से अधिक दीयों को जलाया जाएगा। पिछले साल यानि 2019 में काशी नगरी को 10 लाख दीयों से रोशन किया गया था। बनारस के 84 घाट भी दीयों से सजाए जाएंगे। ‘ना भूतो ना भविष्यति’ स्तर का ग्रैंड शो का आयोजन होगा। गंगा की लहरों पर लेजर शो एवं प्रोजेक्टर की सहायता से काशी, भगवान शिव और बनारस की महिमा का भव्य प्रदर्शन होगा।
Tripuri Purnima Story: धार्मिक कथा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। फिर सभी देवी-देवताओं ने खुशियां मनाई थी। त्रिपुरासुर का वध करने के बाद शिव भक्तों के द्वारा भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाने लगा। कार्तिक पूर्णिमा पर त्रिपुरासुर का अंत होने के कारण इसका नाम त्रिपुरी पूर्णिमा भी है।
Kartik Purnima 2020: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा काशी में बरसों से चल रही है। इस रोज़ दीपदान करने का खास महत्व है। कुछ किवंदतियों के अनुसार कहा जाता है की भगवान शिव ने भी सभी देवी-देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी, तभी तो इस दिन का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व इतना अधिक है।