Dev Uthani Ekadashi 2023: इस दिन से शुरू हो जाएंगे सारे मांगलिक कार्य, जानें देवउठनी एकादशी की date

Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Nov, 2023 07:08 AM

dev uthani ekadashi

पूरे वर्ष में कुल 26 एकादशी पड़ती हैं लेकिन अधिक मास होने के करें वर्ष 2023 में 2 एकादशी और बढ़ गई हैं। वैसे तो हर एक एकादशी बहुत ही खास होती है लेकिन हिंदू धर्म में

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Dev Uthani Ekadashi 2023: पूरे वर्ष में कुल 26 एकादशी पड़ती हैं लेकिन अधिक मास होने के करें वर्ष 2023 में 2 एकादशी और बढ़ गई हैं। वैसे तो हर एक एकादशी बहुत ही खास होती है लेकिन हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। वजह ये है कि इस दिन से रुके हुए सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन नींद से जागते हैं। इसी दिन ही चातुर्मास का समापन हो जाता है। बता दें कि अधिक मास होने की वजह से बाकि वर्षों की मुताबिक इस बार की देवउठनी एकादशी थोड़ी देर से आई है। तो चलिए इस जिज्ञासा को दूर करने के लिए जानते हैं कब मनाई जाएगी देवोत्थान एकादशी। 

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Dev Uthani Ekadashi date देवउठनी एकादशी डेट 2023 
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के  शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इस वर्ष  23 नवंबर 2023 गुरुवार के दिन देवुत्थान एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। 

Dev Uthani Ekadashi Muhurat देवउठनी एकादशी मुहूर्त Dev

पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 22 नवंबर 2023 को रात 11 बजकर 3 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 23 नवंबर 2023 को रात 9 बजकर 1 मिनट पर इसका समापन होगा। 

पूजा समय - सुबह 6.50 से सुबह 08.09 तक 
रात्रि का मुहूर्त - शाम 05.25 से रात 08.46 तक 

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Auspicious works will start from this day इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन नींद से जागते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने वर्जित होते हैं और शादी की शहनाइयों पर भी रोक लग जाती है। लेकिन ये इन्तजार अब जल्द ही खत्म होने वाले है। बता दें कि 23 नवंबर के बाद शादी के लड्डू खाने का समय शुरू हो जाएगा। इसके अलावा समस्त मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार आदि सब शुरू हो जाएंगे। शास्त्रों के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन बिना मुहूर्त के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। 

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