Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2022 09:17 AM

पूज्य महान संत देवरहा बाबा के जन्म के सम्बन्ध में लोगों में काफी मतभेद है। उनकी सही उम्र का आकलन नहीं हो पाया
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Brambha Rishi Yogiraj Shree Devraha Baba: पूज्य महान संत देवरहा बाबा के जन्म के सम्बन्ध में लोगों में काफी मतभेद है। उनकी सही उम्र का आकलन नहीं हो पाया है। ये देवरिया जिले (उ.प्र.) में बरहज और मईल के समीप मचान बनाकर सरयू नदी के किनारे रहते थे इसलिए उन्हें देवरहा बाबा कहा जाने लगा। 250 से 500 साल तक लोग उनकी उम्र के बारे में अनुमान लगाते थे। ये सिद्ध, महात्मा थे। वह पात्र लोगों को हठयोग सिखाते थे। योग विद्या पर आपका गहन अध्ययन था। ध्यान, प्राणायाम, त्राटक आदि पर वह गहन विवेचन करते थे।
Devraha Baba Story: कई बड़े सिद्ध सम्मेलनों में उन्होंने लोगों को चमत्कृत कर दिया था। उनकी बहुत लम्बी साधना थी। वृक्षों, वनस्पतियों का संरक्षण वन्य जीव तथा वन्य जीवों के प्रति उनका प्रेम सर्वविदित है।
एक दिन वृन्दावन में यमुना के किनारे बनी मचान पर बाबा ने भक्तों को दर्शन देना बंद कर दिया। बाबा ने सिद्धासन में त्रिबंध लगाया, समाधि में देखकर भक्तों ने डाक्टरों को बुलाया, डाक्टरों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
योगिनी एकादशी को डॉक्टरों ने थर्मामीटर पर देखा कि पारा सीमा तोड़कर निकलने को आमाद है। उस समय आकाश में काले बादल छाये थे, हवाएं तेज थी, यमुना में समुद्र जैसे ज्वार-भाटा की स्थिति हो गई थी। लहरें बाबा के मचान को छूने को उतावली थीं। उसी समय बाबा ने अपना शरीर त्याग दिया।
