कल करें देवी भुवनेश्वरी का विशेष पूजन, मिलेगा ऐश्वर्यवान जीवन का वरदान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 08:13 AM

devi bhuvaneshwari special poojan will give a wonderful life

कल सोमवार दि॰ 12.03.18 चैत्र कृष्ण दशमी तिथि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, बवकरण व वरियान योग है। चैत्र महीने की दशमी तिथि और सोमवार आद्यशक्ति को समर्पित हैं। आज के योगायोग के करण मूल प्रकृति के देवी भुवनेश्वरी के स्वरूप का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

कल सोमवार दि॰ 12.03.18 चैत्र कृष्ण दशमी तिथि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, बवकरण व वरियान योग है। चैत्र महीने की दशमी तिथि और सोमवार आद्यशक्ति को समर्पित हैं। आज के योगायोग के करण मूल प्रकृति के देवी भुवनेश्वरी के स्वरूप का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। शास्त्रनुसार देवी भुवनेश्वरी को दश महाविद्याओं में से चौथा स्थान प्राप्त करती हैं तथा इनका सम्बंध श्री कुल से हैं। अपने नाम के अनुसार देवी त्रि-भुवन या तीनों लोकों के ईश्वरी व स्वामिनी मानी जाती हैं। देवी साक्षात संपूर्ण ब्रह्माण्ड को धारण कर उसका पालन पोषण करती हैं। इन्हें जगन-माता व जगत-धात्री के नाम से भी जाना जाता हैं। यही आकाश, वायु, पृथ्वी, अग्नि व जल, अर्थात पंचतत्व से चराचर जगत का निर्माण कर उसे संचालित करती हैं। शास्त्र इन्हें ही मूल प्रकृति कहते हैं। आद्या शक्ति भुवनेश्वरी ही परमेश्वरी शिव के लीला विलास की सहचरी हैं। देवी नियंत्रक हैं और दंडनायक दोनों की भूमिका निभाती हैं। इनके चार हाथों में गदा, राजदंड, माला वरद मुद्रा है। इनके भुजा में व्याप्त अंकुश, नियंत्रक का प्रतीक हैं। देवी विश्व का वमन करने के करण वामा, शिवमय होने के करण ज्येष्ठा, जीवों को दंडित करने के करण रौद्री, प्रकृति का निरूपण करने के करण मूल-प्रकृति कहलाती हैं। परमेश्वर शिव के वाम भाग को देवी भुवनेश्वरी के रूप में जाना जाता हैं तथा सदा परमेश्वर शिव के सर्वेश्वर होने की योग्यता देवी भुवनेश्वरी के संग होने से प्राप्त हैं। यही देवी भुवनेश्वरी ऐश्वर्या की स्वामिनी हैं। इनके पूजन से जीवन में ऐश्वर्य आता है, जीवन से जटिलता दूर होती है व सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।


पूजन विधि: शिवालय जाकर देवी भुवनेश्वरी का दशोपचार पूजन करें। गौघृत का दीपक करें, कर्पूर जलाकर धूप करें, सफेद फूल, चंदन, चावल, व इत्र चढ़ाएं, दूध व शहद चढ़ाएं, मावे का भोग लगाएं तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र को जाप करें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट कर दें। 


पूजन मंत्र: ॐ श्रीभुवनेश्वर्यै नमः॥

पूजन मुहूर्त: शाम 17:30 से शाम 18:30 तक। (संध्या)


उपाय
ऐश्वर्या प्राप्ति हेतु देवी भुवनेश्वरी पर रातरानी का इत्र चढ़ाएं।

पारिवारिक जटिलता दूर करने हेतु देवी भुवनेश्वरी पर 12 सफेद फूल चढ़ाएं।

मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु भुवनेश्वरी पर चढ़े अक्षत बैडरूम में छुपाकर रखें।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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