Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jul, 2024 01:31 PM
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस तिथि को बहुत ही शुभ और खास माना जाता है। देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में
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Devshayani Ekadashi 2024: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस तिथि को बहुत ही शुभ और खास माना जाता है। देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में 4 महीने के लिए चले जाते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं होता। इस बार 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु जी की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में धन का आगमन होने लगता है। तो आइए जानते हैं, देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में-
Devshayani Ekadashi auspicious time देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त
आषाढ़ शुक्ल एकादशी की तिथि 16 जुलाई रात 8 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी, जो 17 जुलाई रात 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई के दिन रखा जाएगा।
Significance of Devshayani Ekadashi देवशयनी एकादशी महत्व
देवशयनी एकादशी एक पवित्र त्योहार है, जिसे सनातन धर्म में बहुत ही शुभ और खास माना जाता है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही आरोग्य, धन-धान्य की भी प्राप्ति होती है।
Method of Worship of Devshayani Ekadashi देवशयनी एकादशी पूजा विधि
देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद पूजा के लिए सभी सामग्रियों को एक स्थान पर एकत्रित कर लें।
अब भगवान विष्णु को गंगा जल, पीले रंग के फूल, माला, सुपारी, हल्दी, चंदन, पान और इलायची आदि अर्पित करें।
फिर विष्णु जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनके मंत्रों का जाप करें।
अंत में श्री हरि की आरती करें और अपनी क्षमतानुसार जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, छाते और जूते का दान करें।