Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Oct, 2024 01:01 AM
साल 2024 में धनतेरस का त्योहार 29 अक्तूबर, यानि दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना की जाती है।
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Dhantears 2024: साल 2024 में धनतेरस का त्योहार 29 अक्तूबर, यानि दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन लोग खूब खरीदारी करते हैं। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन खरीदी गई चीजें कई गुना वृद्धि करती हैं। बहुत बड़ी मात्रा में इस दिन लोग बर्तन खरीद कर घर लाते हैं। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं इस दिन खरीदे गए घर में धन व अन्न के भंडार भरे रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन बर्तन खरीद कर कभी भी खाली हाथ घर नहीं आना चाहिए। इस दिन खाली बर्तन लाना अशुभ माना जाता है और ये गलती बहुत से लोग करते हैं, लोग धनतेरस के दिन नया बर्तन तो खरीदते हैं लेकिन उसे खाली ही घर ले आते हैं। खाली बर्तन घर लाने से घर में अनिद्रा, परेशानियां आती हैं इसलिए घर लाते ही या तो इसे तुरंत भर लें या फिर बाहर से इसे भरकर घर में लाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की वर्षा होती है। इस बात की जानकारी वैसे बहुत ही कम लोगों को होती है और सवाल ये भी है कि आखिर बर्तन को भरे किस चीज से, धनतेरस के दिन बर्तनों में क्या-क्या चीजें भरी जा सकती हैं तो आईए जानते हैं...
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अगर आप धनतेरस के दिन घर में खाली बर्तन ला रहे हैं तो उसे घर आते ही जल से भर सकते हैं। मान्यता है कि जल भाग्य का प्रतीक होता है इसलिए खाली बर्तन को जल से भरना चाहिए।
घर लाए गए बर्तनों को गुड़, शक्कर, चावल, दूध, गुड़ और गेहूं, शहद से भी भरा जा सकता है।
धनतेरस के दिन बर्तनों को सिक्के से भरना भी शुभ होता है। इसके अलावा आप चांदी के सिक्के भी बर्तन में भरकर रख सकते हैं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। घर में धन की कोई कमी नहीं रहती।
Know how the tradition of buying utensils on Dhanteras started जानें, धनतेरस पर कैसे शुरू हुई बर्तन खरीदने की परंपरा
पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान धनवंतरी क्योंकि इस दिन हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन कलश, सोना, चांदी और बर्तन खरीदने की परपंरा शुरु हो गई।