धन्यभागी होना ही धनतेरस का संदेश– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Oct, 2024 08:25 AM

dhanteras

Dhanteras 2024: धनतेरस से दीपावली का त्यौहार आरंभ होता है। प्रकृति नित्य उत्सव मनाती है। पक्षी चहचहाते हैं, पुष्प खिलते हैं, नदियां बहती हैं। हमें भी प्रतिदिन ऐसा ही उत्सव अपने जीवन में मनाना चाहिए। संसार में सबसे प्रेमपूर्वक मिलें, प्रसन्न रहें और...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Dhanteras 2024: धनतेरस से दीपावली का त्यौहार आरंभ होता है। प्रकृति नित्य उत्सव मनाती है। पक्षी चहचहाते हैं, पुष्प खिलते हैं, नदियां बहती हैं। हमें भी प्रतिदिन ऐसा ही उत्सव अपने जीवन में मनाना चाहिए। संसार में सबसे प्रेमपूर्वक मिलें, प्रसन्न रहें और जो भी आपसे मिले वो भी प्रसन्न हो जाएं, यही उत्सव है।      

PunjabKesari Dhanteras  
What is dhanteras धनतेरस क्या है ?
हमारे वेदों में कहा गया है – धन अग्नि है, धन वायु है, धन सूर्य है, धन वसु है !

हमारे भीतर का जो तेज है, यह अग्नि धन है। हमारे भीतर जो जोश, उत्साह, उमंग है, यह धन है। इसी प्रकार वायु धन है, सूर्य धन है। आज सौर ऊर्जा का बहुत महत्व है। 50-60 वर्ष पूर्व हमने सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना सीखा, विद्युत भी धन है। यदि घर में बिजली न हो तो न फोन चलेगा, न रेफ्रिजरेटर चलेगा। इन सब को चलाने के लिए हमें विद्युत की आवश्यकता है, यह भी एक प्रकार का धन है। फिर वसु, यदि जीवन में प्राण नहीं है तो क्या वह जीवन होगा ?

नहीं ! इस जीवनी ऊर्जा को वसु कहते हैं। यह भी धन है। हमने केवल रुपये-पैसे, सोना-चांदी व आभूषणों को ही धन माना। यह जीवन जो हमें अपने माता-पिता से प्राप्त हुआ है, यह भी धन है। जीवन में धन्यभागी अनुभव करना ही सबसे बड़ा धन है। यदि आप अभाव में ही बने रहते हैं तो अभाव ही बढ़ता रहेगा। जो कुछ भी आपको अपने जीवन में प्राप्त हुआ है उसके लिए धन्यभागी होना ही धनतेरस का संदेश है।

PunjabKesari Dhanteras
Know the nature of your consciousness अपनी चेतना के स्वभाव को जानें
भारतीय सभ्यता में त्यौहार मनाने की पद्धति अनादिकाल से चली आ रही है। इसमें कुछ सार है, कुछ रस है और कुछ तत्व भी है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। घर में सजावट एवं पूजा-पाठ करते हैं। परिवारजनों व मित्रों को घर बुलाते हैं या उनके यहां जाते हैं। एक साथ भोजन करते हैं, पटाखे जलाते हैं। ऐसा करने से जीवन में एक उमंग बनी रहती है।

हर त्यौहार आपको एक अवसर प्रदान करता है, जिससे आप अपने मन को स्वच्छ कर सकें, मन के अंदर के सभी राग-द्वेष को समाप्त कर सकें। प्राय: ऐसा देखा जाता है कि लोग त्यौहार के दिन भी मुंह लटका कर बैठे रहते हैं। सभी पर्व आपको अपने आप को जानने का संकेत देते हैं। हमारा स्वभाव क्या है ?

सच्चिदानंद ! यह जान लेना कि मैं नित्य शुद्ध, बुद्ध व मुक्त हूं। यही हमारी चेतना का सच्चा स्वभाव है। प्रसन्नचित्त रहें। बार-बार अपने इस गुण का स्मरण करते जाएं और अपने भीतर विश्राम करते जायें।  

आपके पास जो भी धन-संपत्ति है। धनतेरस के दिन उसका स्मरण कर लें। ऐसा करने से मन में जो भी अभाव अथवा लोभ है, वो मिट जाता है। जब तक मन में अभाव न मिटे तब तक दरिद्रता बनी रहती है। जब यह सब मिट गया, तब हममें तृप्ति झलकती है। ज्ञान का दीपक जल उठता है।  

PunjabKesari Dhanteras
Share the sweetness with your surroundings अपने आस-पास मधुरता बांटे
इस दीपावली ज्ञान का दीप जलाएं और अपने आस-पास मधुरता बांटे। हमारी वाणी मधुर हो, हमारा व्यवहार मधुर हो। हम इस संसार को और अधिक मधुर बनाएं। एक ऐसा समाज जिसमें किसी से कोई वैर न हो, कहीं कोई हिंसा न हो। ऐसा वातावरण जहां सब स्वयं को सुरक्षित अनुभव करें। इस धनतेरस एक सुंदर, सुशिक्षित, स्वस्थ समाज का संकल्प लें। जहां सब को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक आरोग्य प्राप्त हो। मन स्वच्छ रहे तो मां लक्ष्मी भी प्रसन्न रहेगी। मन में यदि राग, द्वेष, क्रोध है तब लक्ष्मी जी भी हम से दूर चली जाती है। मन को स्वच्छ रखने के लिए ज्ञान, गान व ध्यान अवश्य करें। आने वाली पीढ़ी को हम खुशहाल संसार उपहार के रूप में देकर जायें। यह हमारा संकल्प हो।

PunjabKesari Dhanteras

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!