Edited By Prachi Sharma,Updated: 08 Dec, 2024 04:00 AM
ग्रहों के राजा सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। ये अपने समय अनुसार एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। दिसंबर माह में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे
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Dhanu Sankranti 2024: ग्रहों के राजा सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। ये अपने समय अनुसार एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। दिसंबर माह में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, इसे धनु संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। संक्रांति के दिन दान करने से आपके पुण्य में दोगुनी बढ़ोतरी होती है। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ, यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य देव के इस परिवर्तन से कई शुभ योगों का निर्माण होता है। धनु संक्रांति के दिन से ही खरमास की शुरुआत हो जाती है और ये समय खरमास तक चलता है। इसी के साथ इस दिन शुभ योग का भी निर्माण होने जा रहा है, जिस वजह से धनु संक्रांति की खासियत और भी ज्यादा बढ़ गई है।
धनु संक्रांति महा पुण्य काल समय- दोपहर में 3 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक
पुण्य काल समय- दोपहर में 12 बजकर 16 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
स्नान-दान मुहूर्त- 3:43 पी.एम से 5:26 पी.एम तक
Auspicious yoga is being formed on Sagittarius Sankranti धनु संक्रांति पर बन रहा शुभ योग 2024
ज्योतिष गणना के अनुसार धनु संक्रांति के दिन शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है। यह योग पूरे दिन रहेगा।
Method of Puja of Sagittarius Sankranti धनु संक्रांति पूजा विधि
धनु संक्रांति की पूजा से पहले घर और पूजा स्थल की स्वच्छता महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां हल्दी और कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। इस दिन घर के प्रत्येक कोने को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध किया जाता है ताकि वातावरण में पवित्रता और सकारात्मकता का संचार हो।
धनु संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठना और पवित्र स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर आप घर पर स्नान कर रहे हैं तो गंगाजल या ताजे पानी से स्नान करें। स्नान के बाद तिल और गुड़ का सेवन करें क्योंकि यह शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद सूर्यदेव का पूजन और तिल दान करने का विशेष महत्व है।
सूर्यदेव की पूजा के लिए सबसे पहले सूर्य देव के चित्र या प्रतीक की स्थापना करें। फिर सूर्य के सामने दीपक रखें और धूप जलाएं। सूर्य मंत्रों का जाप करें, जिससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त हो सके।
सूर्य मंत्र
ॐ घृणि सूर्याय नमः
इसके बाद सूर्य देव के चरणों में ताजे फूल अर्पित करें। तिल और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप खुले स्थान में पूजा कर रहे हैं, तो सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
धनु संक्रांति पर तिल का दान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन तिल का दान करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है। तिल को सूर्य देव को अर्पित करना शुभ होता है। इसके अलावा, तिल के लड्डू या तिल की खिचड़ी का दान भी किया जा सकता है। तिल को नदी, तालाब या किसी पवित्र स्थान में बहाना शुभ माना जाता है।
धनु संक्रांति के दिन किसी गरीब को तिल, वस्त्र, खिचड़ी, या अन्य किसी प्रकार का दान देना अत्यंत फलदायी होता है।