Edited By Prachi Sharma,Updated: 16 Jul, 2024 07:00 AM
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को विवादित भोजशाला- कमाल मौला मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को सौंप दी। ए.एस.आई
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
इंदौर (एजैंसी): भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को विवादित भोजशाला- कमाल मौला मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को सौंप दी। ए.एस.आई के अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने 2,000 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट उच्च न्यायालय के पंजीयक को सौंपी।
ए.एस.आई ने 98 दिन की खुदाई में 1700 से ज्यादा प्रमाण जुटाए हैं। यहां मिले अवशेष परमार काल के माने जा रहे हैं। जोशी ने बताया कि उच्च न्यायालय इस मामले पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगा। चार जुलाई को उच्च न्यायालय ने ए.एस.आई को आदेश
हिंदू मानते हैं वाग्देवी का मंदिर
इस स्मारक को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद है। भोजशाला को हिंदू समुदाय वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम पक्ष 11 वीं सदी के इस स्मारक को कमाल मौला मस्जिद बताता है। यह परिसर एएसआई द्वारा संरक्षित है।
सर्वे: कहां क्या मिला
स्तंभों पर केमिकल ट्रीटमेंट के बाद सीता-राम, ओम नम: शिवाय की आकृतियां चिन्हित
सीढ़ियों के नीचे के बंद कमरे से वाग्देवी, मां सरस्वती, हनुमानजी, गणेषजी, देवी प्रतिमा सहित 79 अवशेष मिले
उत्तर-दक्षिण कोने से तलवार और दीवारों के 150 नक्काशी वाले अवशेष मिले
दरगाह से भूमिगत अक्कल कुइंया चिन्हित हुई
गर्भगृह के पिछले हिस्से से 27 फीट जमीन के नीचे दीवार का ढांचा मिला