Edited By Jyoti,Updated: 18 Nov, 2021 01:06 PM
एक ज्योतिषी यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात के पास पहुंचा। उस समय सुकरात अपने शिष्यों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे थे। ज्योतिषी ने बताया कि वह व्यक्ति का चेहरा देखकर उसके चरित्र के बारे में बताने में सक्षम है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक ज्योतिषी यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात के पास पहुंचा। उस समय सुकरात अपने शिष्यों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे थे। ज्योतिषी ने बताया कि वह व्यक्ति का चेहरा देखकर उसके चरित्र के बारे में बताने में सक्षम है।
सुकरात को लोग उनके ज्ञान और सद्विचार के कारण प्रेम किया करते थे किंतु देखने में वे बदसूरत थे। ज्योतिषी उनका चेहरा देखकर कहने लगा, ‘‘आपके नथुनों की बनावट को देखकर मैं बता सकता हूं कि आप अत्यंत क्रोधी स्वभाव के हैं।’’ यह सुना था कि सुकरात के शिष्य क्रोधित हो गए। किंतु सुकरात ने उन्हें संयम रखने को कहा और ज्योतिषी को अपनी बात पूरी करने का अवसर दिया।
ज्योतिषी आगे बोला, ‘‘आपके माथे और सिर का आकार यह इंगित कर रहा है कि आप लालची किस्म के व्यक्ति हैं। होंठ और दांतों की बनावट यह बता रही है कि आप देशद्रोह करने के लिए प्रेरित हैं।’’
पूरी बात सुनने के बाद सुकरात ने ज्योतिषी को पुरस्कार देकर विदा किया। यह देख उनके शिष्य हत्प्र्रभ रह गए। उन्होंने पूछा, ‘‘गुरुवर उस ज्योतिषी ने आपके बारे में जो कुछ भी कहा वह पूर्णत: असत्य था। इस पर भी आपने उसे पुरस्कृत किया।’’
सुकरात बोले, ‘‘उस ज्योतिषी ने जो कहा, वह सत्य है, वे सारे दुर्गुण मेरे भीतर हैं जिनके बारे में वह बता रहा था किंतु वह मेरी विवेक की शक्ति के बारे में बताना भूल गया। यहीं उससे त्रुटि हुई। मैं अपने विवेक से अपने सारे दुर्गुणों पर नियंत्रण रखता हूं।’’
यह सुनकर शिष्यों के मन में सुकरात के प्रति आदर और प्रेम और अधिक बढ़ गया।