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Dharmik Concept: भ्रमजाल से कोई भी अछूता नहीं

Edited By Jyoti,Updated: 11 Mar, 2022 11:06 AM

dharmik concept in hindi

प्रसिद्ध दार्शनिक संत कन्फ्यूशियस एक बार फारस देश गए। वहां के राजा ने उनके सामने तीन पिंजरे रखे, जिनमें से एक में चूहा था, जिसके पास खाद्य पदार्थ रखे गए। दूसरे पिंजरे में एक बिल्ली थी जिसके सामने दूध रखा था

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प्रसिद्ध दार्शनिक संत कन्फ्यूशियस एक बार फारस देश गए। वहां के राजा ने उनके सामने तीन पिंजरे रखे, जिनमें से एक में चूहा था, जिसके पास खाद्य पदार्थ रखे गए। दूसरे पिंजरे में एक बिल्ली थी जिसके सामने दूध रखा था और तीसरे पिंजरे में एक बाज  पक्षी था जिसके सामने मांस का एक टुकड़ा रखा हुआ था।

आश्चर्य की बात यह है कि वे सभी पिंजरे में रखे पदार्थों की ओर देख भी नहीं रहे थे। इस पर राजा ने कन्फ्यूशियंस से पूछा, क्या कारण है कि इन तीनों में से कोई भी खाद्य पदार्थ नहीं खा रहा है? संत ने उत्तर दिया, चूहे और बिल्ली को वर्तमान का भय है, जबकि बाज को भविष्य का इंतजार। 
चूहे और बिल्ली को भय है कि कहीं बाज उन पर झपट न पड़े। इसलिए जब मरना ही है तो भूखे ही क्यों न मरें? 

इधर बाज सोच रहा है कि कहीं ये दोनों जीव मेरे हाथ से निकल न जाएं इसलिए बाज का ध्यान पिंजरों की तरफ है। ये सभी सामने रखी हुई सामग्री की उपेक्षा कर झूठे भय के चलते भूख से ही मर जाएंगे। बादशाह यही भ्रमजाल है जिससे संसार का कोई भी प्राणी अछूता नहीं है।

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