क्या भूदेवी कहलाती हैं श्री हरि की अर्धांगिनी? जानिए इनकी दिलचस्प गाथा

Edited By Jyoti,Updated: 21 Jun, 2022 12:20 PM

dharti mata dharmik story in hindi

हिंदू धर्म में प्रत्येक वस्तु को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। इतना ही नहीं इसमें तो हवा, अग्नि, भूमि, पर्वत व जल तक को देव उपाधि प्राप्त है। जिस कारण न इन्हें सम्मान दिया जाता है बल्कि इनकी पूजा आदि भी की जाती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में प्रत्येक वस्तु को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। इतना ही नहीं इसमें तो हवा, अग्नि, भूमि, पर्वत व जल तक को देव उपाधि प्राप्त है। जिस कारण न इन्हें सम्मान दिया जाता है बल्कि इनकी पूजा आदि भी की जाती है। बात करें भूमि की तो शास्त्रों में पृथ्वी यानि धरती को मां का दर्जा प्राप्ति है। तो वहीं हिंदू धर्म में इनसे जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं व कथाएं प्रचलित हैं। बता दें रामायण में भी धरती मां की अहम भूमिका रही है। जब भरी सभा में श्री राम की अर्धांगिनी माता सीता अपने अपमान को सहन नहीं कर पाई थी तब उन्होंने धरती माता से विनम्र प्रार्थना की कि उन्हें अपनी गोद में समा लें। तब धरती माता श्री राम दरबार में प्रकट हुई, जिसके उपरांत धरती दो हिस्से में बट गई और मां धरती अपनी पुत्री सीता को लेकर उसमें समा गई। अतः इस तरह के उदाहरण हिंदू धर्म में धरती मां का महत्व समझाते व दर्शाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में धरती से जुड़ी ही कथा से रूबरू करवाने जा रहे हैं। बता दें इस कथा का संबंध सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु जी से है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ धार्मिक कथाएं व धार्मिक तथ्य-
PunjabKesari Prithvi mata, Dharti maa, Mata Dharti, India Land, Earth Story in Hindi, Dharti and Vishnu ji, Sridevi and Sri Hari, dharmik katha, dharmik katha in hindi, dharmik story in hindi, story of mother earth, punjab kesari
हिंदू धर्म के कई शास्त्रों व ग्रंथों जहां धरती मां को भूमि व भूदेवी कह कर संबोधित किया जाता है तो वहीं कई धार्मिक शास्त्रों में इन्हें श्री हरि विष्णु की अर्धांगिनी भी कहा गया है। बल्कि बताया जाता है हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जहां श्रीदेवी यानि भूदेवी के साथ विष्णु जी को पाया जाता है। इसके अतिरिक्ति श्री हरि के वराह अवतार की बात करें, तो अधिकांश वराह मंदिरों में भूदेवी इनकी गोद में विराजमान हैं।

श्रीमद भागवत पुराण में किए उल्लेख की मानें तो इसमें वराह व पृथ्वी मां के एक पुत्र का भी वर्णन किया गया है, जो दैत्य नरकासुर के नाम से विख्यात था। बता दें द्वापर युग में श्री कृष्ण और सत्यभामा जी ने मिलकर इसका वध किया था।  
Prithvi mata, Dharti maa, Mata Dharti, India Land, Earth Story in Hindi, Dharti and Vishnu ji, Sridevi and Sri Hari, dharmik katha, dharmik katha in hindi, dharmik story in hindi, story of mother earth, punjab kesari
इसके अतिरिक्त प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सतयुग में हिरण्याक्ष ने धरती मां को समुद्र में फेंक दिया जिसके बाद विष्णु जी ने वराह रूप धारण करके उन्हें अपनी गोद में लेकर बचाया था। बात करें त्रेतायुग में इनकी भूमिका की तो कहा जाता है कि इस दौरान इन्होंने देवी सीता का अवतार लेकर प्रभु श्री राम की अत्यंत सेवा की थी। तो द्वापर युग में सत्यभामा का रूप लेकर अपने अर्धांग श्री कृष्ण की सेवा करके यश पाया। तो वहीं कुछ किंवदंतियों के मुताबिक पांडवों की माता कुंती को भी पृथ्वी का अवतार कहा जाता था।

बात करें उत्तर भारत में प्रचत मान्यताओं की को माता सीता को धरती माता पुत्री व मंगलदेव को इनका पुत्र माना गया है। जो नवग्रह में शामिल हैं तथा जिन्हें तमाम ग्रहों में से सबसे क्रूर ग्रह माना गया है। पृथ्वी के पिता के बात करें तो शास्त्रों में पृथु को इनके पता बताया गया है। धर्म शास्त्रों में पृथु को भगवान विष्णु का ही अंश अवतार कहा गया है। तो वहीं धरती का पहला राजा माना जाता है।
Prithvi mata, Dharti maa, Mata Dharti, India Land, Earth Story in Hindi, Dharti and Vishnu ji, Sridevi and Sri Hari, dharmik katha, dharmik katha in hindi, dharmik story in hindi, story of mother earth, punjab kesari
ऐसा कहा जाता है कि राजा पृथु ने ही सबसे पहले भूमि को समतल करके खेती आरंभ की और ससाजिक व्यवस्था करके इसकी नींव रखी। जिसके बाद लोगों ने कंदराओं को त्यागकर घर बनाकर रहना शुरू किया। अतः राजा पृथु ने धरती को अपनी पुत्री स्वीकार करके इसे पृथ्वी नाम प्रदान किया।
Prithvi mata, Dharti maa, Mata Dharti, India Land, Earth Story in Hindi, Dharti and Vishnu ji, Sridevi and Sri Hari, dharmik katha, dharmik katha in hindi, dharmik story in hindi, story of mother earth
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!