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Diwali: दिवाली पर लक्ष्मी संग पूजे जाते हैं श्री गणेश, पढ़ें पौराणिक कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Oct, 2023 08:02 AM

diwali

दीपावली का पर्व खुशियों और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाने वाला हमारा एक प्रमुख त्यौहार है, जिसका इंतजार हमें साल भर रहता है । इस दिन माता लक्ष्मी जी और श्री गणेश की पूजा की जाती है,

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Diwali 2023: दीपावली का पर्व खुशियों और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाने वाला हमारा एक प्रमुख त्यौहार है, जिसका इंतजार हमें साल भर रहता है । इस दिन माता लक्ष्मी जी और श्री गणेश की पूजा की जाती है, जिसका बहुत धार्मिक महत्व है। इनकी पूजा के बिना यह त्योहार अधूरा रहता है। अक्सर मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर दीपावली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा एक साथ क्यों की जाती है ?

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Which God is worshipped on Diwali: मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी जी की कृपा और आशीर्वाद से ही ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। कार्तिक अमावस्या की पावन तिथि पर धन की देवी को प्रसन्न कर समृद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है। दीपावली से पहले आने वाले शरद पूर्णिमा के त्योहार को मां लक्ष्मी के जन्मोत्सव की तरह मनाया जाता है। फिर दीपावली पर उनका पूजन कर धन-धान्य का वर लिया जाता है।

Why ganesh and lakshmi are worshipped together: दीपावली की रात्रि सबसे ज्यादा अंधेरी होती है। इसे महानिशा की रात्रि भी कहते हैं। माना जाता है कि इस रात्रि को महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं, जो कोई भी इस रात्रि को लक्ष्मी जी का पूजन करता है उसकी प्रार्थना अवश्य स्वीकृत होती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा से पूरे वर्ष धन और समृद्धि मिलती है।

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Why do we worship goddess lakshmi on diwali दिवाली पर श्री गणेश पूजा का महत्व
हमारे शास्त्रों में गणेश जी को सम्पूर्ण विद्या तथा बुद्धि का स्वामी भी कहा गया है। लक्ष्मी के साथ गणेश पूजन का सबसे बड़ा कारण है कि धन के साथ बुद्धि भी सदा साथ रहे। बिना बुद्धि के केवल धन होना व्यर्थ है। धन का होना तभी सार्थक है जब उसका सोच-समझकर सदुपयोग किया जाए। प्राय: देखने में आता है कि धन आ जाने पर मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है। उसमें बुराइयां जन्म ले लेती हैं। गणेश भगवान को बुद्धि और सिद्धि का प्रतीक माना जाता है इसीलिए कहा जाता है कि मां लक्ष्मी के घर आने के बाद अगर बुद्धि का उपयोग नहीं किया जाए, तो लक्ष्मी जी को रोक पाना मुश्किल हो जाता है इसीलिए दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश जी की प्रतिमा रखकर दोनों की साथ में पूजा की जाती है।

मान्यता है कि हिंदू धर्म में कोई पूजा और कर्मकांड गणपति जी की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जा सकता। दीपावली पर गणपति पूजा की यह भी एक वजह है। सब जानते हैं कि भगवान श्री गणेश विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि-सिद्धि के प्रदाता हैं इसलिए हर शुभ कार्य के प्रारम्भ में गणेश को प्रथम स्थान दिया जाता है। श्री गणेश को प्रथम पूूज्य होने का वरदान प्राप्त है। बिना गणेश पूजन किए किसी भी देवता की पूजा प्रारंभ नहीं की जाती।

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प्रत्येक कार्य को आरंभ करते समय उसमें आने वाले विघ्नों की आशंका रहती है। गणेश पूजन के बाद साधक को यह विश्वास हो जाता है कि अब उसका कार्य निर्विघ्न रूप से समाप्त हो जाएगा इसलिए लक्ष्मी पूजन से पूर्व गणेश पूजन किया जाता है।

शास्त्रों में गणेश जी को आदि पूज्य भी कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को लक्ष्मी जी का मानस-पुत्र माना गया है। दीपावली के शुभ अवसर पर ही इन दोनों का पूजन किया जाता है।
 
दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी का पूजन करने में संभवतः एक भावना यह भी कही गई है कि मां लक्ष्मी अपने प्रिय पुत्र की भांति हमारी भी सदैव रक्षा करें। हमें भी उनका स्नेह व आशीर्वाद मिलता रहे।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

 

 

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