Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Oct, 2024 02:36 PM
Diwali 2024: दिवाली के पर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस शुभ दिन पर देश भर में खास रौनक देखने को मिलती है। हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाते हैं लेकिन
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Diwali 2024: दिवाली के पर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस शुभ दिन पर देश भर में खास रौनक देखने को मिलती है। हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाते हैं लेकिन इस बार दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग दिवाली 31 अक्टूबर को कह रहे हैं तो कुछ लोग 01 नवंबर को दिवाली की बात कह रहे हैं चूंकि इस बार अमावस्या तिथि दोनों ही दिन है तो लोग इस बार दीपावली की सही तिथि को लेकर असमंजस में है। शास्त्रों के अनुसार साल 2024 में दिवाली किस दिन बन रही है ? आईए जानते हैं...
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। अमावस्या तिथि दोनों दिन होने के कारण लोगों में Confusion है कि साल 2024 में दीपावली का पर्व कब मनाएं ?
शास्त्रों के अनुसार दीपावली की पूजा निशिता काल में होती है। इस साल 01 नवंबर को अमावस्या तिथि का समापन शाम संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। इस दिन प्रदोषकाल में अमावस्या की व्याप्ति कम समय के लिए है। जबकि 31 अक्तूबर को अमावस्या पूर्णतया प्रदोष एवं निशाथकाल को व्याप्त कर रही है। इस स्थिति में 31 अक्तूबर को दीपावली मनाना सही होगा लेकिन शास्त्रों के निर्देशानुसार दीपावली पर्व 01 नवंबर, शुक्रवार को मनाना ही शास्त्र सम्मत होगा।
धर्म सिंधु ग्रंथ के अनुसार दीपावली के दिन महालक्ष्मी पूजन प्रदोष के समय किया जाता है और अगर दोनों दिन अमावस्या प्रदोषव्यापनि हो तो दूसरे दिन मनाएं।
पंचांग के अनुसार साल 2024 में 01 नवंबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन अमावस्या तिथि प्रदोष काल को स्पर्श कर रही है।
शास्त्रों के अनुसार दोनों दिन अमावस्या प्रदोषव्याप्त होने की स्थिति में अगले दिन यानि लक्ष्मी पूजन करना मान्य होगा। ऐसे में 01 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी।
01 नवंबर को मां लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 06 बजकर 16 मिनट तक है। इस दौरान आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।