Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Nov, 2024 08:37 AM
दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों में रौशनी फैलाने के लिए दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Diwali 2024: दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों में रौशनी फैलाने के लिए दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। शास्त्रों में दीपक जलाने के कई लाभ और महत्व बताए गए हैं,जबकि मोमबत्तियों का उपयोग नया है। चलिए जानते हैं शास्त्रों के अनुसार मोमबत्ती से ज्यादा दीपक को क्यों माना जाता है खास-
दीपक का महत्व
प्रकाश का प्रतीक है दीपक
दीपक का जलाना अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। यह न केवल शारीरिक प्रकाश देता है,बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी मन को उज्ज्वल करता है। यह सकारात्मकता, खुशहाली और समृद्धि का संकेत माना जाता है।
लक्ष्मी माता का स्वागत
शास्त्रों में उल्लेख है कि दीप जलाने से लक्ष्मी माता का स्वागत होता है। दिवाली के दिन लोग दीप जलाकर अपने घरों को सजाते हैं ताकि मां लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहे। यह दीपक देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने का साधन हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार
दीप जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करने का कार्य करता है। दीपक की रोशनी न केवल घर को रोशन करती है बल्कि मन को भी प्रसन्न करती है।
मोमबत्ती का उपयोग
मोमबत्तियां अक्सर सजावट के लिए इस्तेमाल होती हैं। ये विभिन्न रंगों और आकारों में उपलब्ध होती हैं जो त्योहार की रौनक बढ़ाती हैं। हालांकि इनका धार्मिक महत्व उतना नहीं है जितना कि दीपक का। शास्त्रों में मोमबत्तियों का उल्लेख नहीं मिलता और इन्हें अधिकतर आधुनिक संस्कृति से जोड़ा गया है। मोमबत्ती जलाने पर कई प्रकार के रसायन उत्सर्जित होते हैं, जो नुकसानदायक होते हैं। सरसों या तिल के तेल वाले दिए जलाएं।
दीवाली पर दीए जलाने की परम्परा है लेकिन कुछ लोग मोमबत्तियां भी जलाने लगे हैं। मोमबत्ती पैराफिन से बनती है, जो पैट्रोलियम इंडस्ट्री का कचरा है।
इसे जलाने पर कार्सिनोजेनिक कैमिकल उत्सर्जित होता है जो किसी डीजल इंजन के धुएं जैसा ही होता है। यह अस्थमा का खतरा बढ़ाता है। सुगंधित मोमबत्तियों की बाती में सीसा हो सकता है। मोमबत्ती जलाने पर बैंजीन और टोल्यून जैसे जहरीले रसायन भी उत्सर्जित होते हैं। बैंंजीन से कैंसर और टोल्यून से सैंट्रल नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है।
दीपक और मोमबत्ती की विशेषता
दीपक का जलाना शास्त्रों में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जबकि मोमबत्ती का उपयोग आमतौर पर सजावट के लिए किया जाता है।
दीपक जलाना मन की शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है, जबकि मोमबत्तियां अधिकतर भौतिक रूप में ध्यान आकर्षित करती हैं।
दीप जलाना सदियों पुरानी परंपरा है, जबकि मोमबत्तियों का उपयोग हाल के समय में प्रचलित हुआ है।