Friday Special: ऐसे घर को महालक्ष्मी स्वयं कभी नहीं छोड़ती...

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Oct, 2024 01:38 AM

diwali laxmi ganesh puja

Diwali Laxmi Ganesh Puja: हमारी सनातन कर्म कांडमयी पद्धति में श्री गणेश और महालक्ष्मी दोनों का सर्वोपरि महत्व है। प्रत्येक कर्मकांड में गणेश जी का पूजन अत्यावश्यक माना गया है। इन्हें प्रथम पूज्य देव कहा गया है। हिंदू सनातन पद्धति में कोई भी पूजा और...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Diwali Laxmi Ganesh Puja: हमारी सनातन कर्म कांडमयी पद्धति में श्री गणेश और महालक्ष्मी दोनों का सर्वोपरि महत्व है। प्रत्येक कर्मकांड में गणेश जी का पूजन अत्यावश्यक माना गया है। इन्हें प्रथम पूज्य देव कहा गया है। हिंदू सनातन पद्धति में कोई भी पूजा और कर्मकांड गणपति की पूजा के बिना आरंभ नहीं किया जाता। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी को महालक्ष्मी का दत्तक पुत्र माना जाता है इसलिए लक्ष्मी पूजन के साथ गणपति का पूजन भी अनिवार्य माना गया है। गणपति के पूजन के बिना मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति नहीं होती। हमारी सनातनी कर्मकांड पद्धति में इसीलिए ही गणपति स्तोत्र में विशेष रूप से गणेश जी की आराधना करने के लिए प्रेरित किया गया है। गणपति स्तोत्र में भगवान गणेश का स्तवन करते हुए कहा गया है कि

PunjabKesari Diwali Laxmi Ganesh Puja
ओम् नमो विघ्न नाशाय सर्व सौख्यप्रदायिने। दुष्टारिष्ट विनाशाय पराय परमात्मने।।

अर्थात सभी प्रकार के सुख प्रदान करने वाले विघ्न राज को नमन है। दुख अरिष्ट आदि ग्रहों का विनाश करने वाले उन गणपति को नमस्कार है।

गणपति स्तोत्र में भगवान गणेश को मोदक प्रिय कहा गया है। इन्हें सदैव वर प्रदान करने वाला भी कहा गया है। मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए गणपति स्तोत्र की आराधना बड़ी ही कल्याणकारी मानी गई है।

गणपति स्तोत्र में कहा गया है  : इदं गणपति स्तोत्रं य पठेद् भक्तिमान नर:। तस्य देहे च गेहे च स्वयं लक्ष्मी न मुन्चति।।

अर्थात जो भक्ति भाव से परिपूर्ण मनुष्य इस गणपति स्तोत्र का श्रद्धा भक्ति के साथ पाठ करता है, उसके शरीर और घर को लक्ष्मी स्वयं कभी नहीं छोड़ती।

PunjabKesari Diwali Laxmi Ganesh Puja
भगवान गणेश की आराधना सर्वदा फलदायक मानी गई है। कनकधारा स्तोत्र में मां लक्ष्मी की आराधना के मंत्र निहित हैं। स्तोत्र में बताया गया है कि लक्ष्मी जी की उपासना उपासक के लिए संपूर्ण मनोरथों, संपत्तियों का विस्तार करती है। जो उपासक भगवान विष्णु की हृदय देवी मां लक्ष्मी का मन, वचन, वाणी और शरीर से भजन करता है, उस पर अपार धन-ऐश्वर्य के माध्यम से मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि होती है। कमल के समान नेत्रों वाली, संपूर्ण इंद्रियों को आनंद देने वाली एवं समस्त तुच्छ प्रवृत्तियों का हरण करने वाली मां लक्ष्मी का अवलंबन उपासक को सदैव धर्म के मार्ग की ओर अग्रसर करता है।

PunjabKesari Diwali Laxmi Ganesh Puja
ऋग्वेद के श्री सूक्त में भी मां लक्ष्मी को सुख, समृद्धि, सिद्धि तथा वैभव की अधिष्ठात्री देवी कहा गया है। इन सभी पदार्थों की प्राप्ति की इच्छा रखने वाले मानव के लिए लक्ष्मी जी की उपासना करना अनिवार्य है।

ऋग्वेद के लक्ष्मी सूक्त के मंत्रों से लक्ष्मी का विधिवत पूजन एवं इन मंत्रों के माध्यम से अग्निहोत्र में आहुतियां देने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मनीषियों का कहना है कि जिस प्रकार एक माता को अपने पुत्र से अत्यधिक स्नेह होता है और जो भी उसके पुत्र को प्रसन्न करता है, माता सदैव उस पर प्रसन्न रहती है, ठीक उसी प्रकार मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र गणपति की विधिवत आराधना से मां लक्ष्मी स्वत: ही प्रसन्न हो जाती हैं।

PunjabKesari Diwali Laxmi Ganesh Puja
गणेश जी श्रेष्ठ बौद्धिक संपत्तियों एवं मां लक्ष्मी भौतिक धन-ऐश्वर्य की प्रतीक हैं। यदि हमारी बुद्धि में श्रेष्ठ दैवी प्रवृत्तियों का समावेश है तो हम धन-संपत्ति का अपने जीवन में सदुपयोग करने में सक्षम बन सकते हैं। गणपति और लक्ष्मी जी की आराधना मनुष्य को उत्तम बौद्धिक शक्ति एवं धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति करवाती है। 

PunjabKesari Diwali Laxmi Ganesh Puja

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!