Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Oct, 2024 04:00 AM
दीपावली पूजन मुहूर्त को लेकर इस साल विद्वान एकमत नहीं हैं। धनतेरस से पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है और कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है
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Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024: दीपावली पूजन मुहूर्त को लेकर इस साल विद्वान एकमत नहीं हैं। धनतेरस से पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है और कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2024 में इस बार अमावस्या दो एक पड़ रही है। इस वजह हर जगह असमंजस की स्तिथि बनी हुई है कि दिवाली 31 को मनाई जाएगी या फिर 1 को। आज इस आर्टिकल में बात करेंगे कि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर के लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त-
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर दोपहर 3.53 से लेकर 1 नवम्बर शाम 6.17 तक है। इन राज्यों में एक नवम्बर को सूर्य अस्त का समय शाम 5.35 है, लिहाजा अमावस्या तिथि की शुरुआत और अंत दोनों ही सूर्य उदय और सूर्य अस्त के मध्य है। ऐसे में इन राज्यों में लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त 1 नवम्बर का निकलता है जबकि पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में सूर्य अस्त पहले हो रहा है। मुम्बई में सूर्य अस्त शाम 6.05 को होगा और अमावस्या तिथि 6.17 को खत्म हो रही है, लिहाजा अमावस्या तिथि में एक घड़ी का समय (24 मिनट) नहीं बचेगा। इन राज्यों में लक्ष्मी पूजन 31 अक्तूबर को होगा।
1 नवंबर को प्रदोष काल सायं 5.32 से लेकर रात्रि 8.14 तक रहेगा लेकिन इस बीच शाम 7.14 तक रोग की चौघड़िया रहेगी, लिहाजा प्रदोष काल से पहले ही गौण प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन आरंभ कर लेना चाहिए जो लोग प्रदोष काल से पूर्व पूजा आरंभ न कर सकें, उन्हें रात 8.53 से 10.32 के बीच लाभ की चौघड़िया में पूजन करना चाहिए।
31 अक्तूबर शुभ पूजन मुहूर्त
अमृत चौघड़िया- शाम 05.35 से 07.13
चर चौघड़िया - शाम 07.13 से 08.51
प्रदोष काल - शाम 5.52 से 8.24 बजे
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त - शाम 6.43 से 8.24 बजे
निशीथ काल मुहूर्त - रात्रि 11.45 से 12.35 बजे
1 नवम्बर पूजा मुहूर्त
लाभ की चौघड़िया - रात 8.53 से 10.32
शुभ चौघड़िया - (00.11 से मध्य रात्रि 1.50)