Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Oct, 2024 07:25 AM
Diwali 2024 Laxmi Ganesh Puja Vidhi: दिवाली के दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आए थे। इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही भगवान...
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Diwali 2024 Laxmi Ganesh Puja Vidhi: दिवाली के दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आए थे। इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही भगवान राम के आने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं।
Diwali Puja Vidhi दिवाली पूजा विधि
दिवाली पर पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं। पहले गणेश जी की मूर्ति रखें। फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें। आसन पर बैठें और अपने चारों और जल छिड़क लें। इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें। एक मुखी घी का दीपक जलाएं। फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें।
इसके बाद सबसे पहले गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें। घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रख कर फूल आदि अर्पित करें। इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें। घर के अलावा कुएं के पास और मंदिर में दीपक जलाएं। दीपावली का पूजन लाल, पीले या चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें। काले, भूरे या नीले रंग से परहेज करें।
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन धन की देवी लक्ष्मी खुद घर में पधारती है। ऐसे में विधि-विधान से माता लक्ष्मी पूजा की पूजा करना अनिवार्य होता है।
दिवाली की पूजा हमेशा स्थिर लग्न में करनी चाहिए। इससे लक्ष्मी स्थाई रूप से रहती है। समृद्धि हमेशा बनी रहती है। इसके लिए इस दिन लक्ष्मी पूजन के लिए चौकी लें, उस पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें और जल से भरा एक कलश रखें। जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें। इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि-विधान से पूजा करें। महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एक साथ करना चाहिए।
इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वर्ग से धरती पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशमान होता है वहां मां लक्ष्मी ठहर जाती है। मां लक्ष्मी के साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। पूजन के दौरान पहले घर की साफ-सफाई करें। फिर पूरे घर में वातावरण की शुद्धता और पवित्रता पर ध्यान दिया जाता है। पूरे घर में इसके लिए गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए। रंगोली और दीपों से घर को सजाना चाहिए।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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