Edited By Jyoti,Updated: 04 Jan, 2020 12:36 PM
ज्योतिष शास्त्र में हमारे यानि मनुष्य के जीवन में जुड़ी बहुत सी बातें बताई गई है। इसमें इंसान के शरीर से लेकर उसके द्वारा की जाने वाली हरकत को भी परखा जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र में हमारे यानि मनुष्य के जीवन में जुड़ी बहुत सी बातें बताई गई है। इसमें इंसान के शरीर से लेकर उसके द्वारा की जाने वाली हरकत को भी परखा जाता है। इतना ही नहीं इससे व्यक्ति के बारे में ऐसे कई राज़ पता लगाए जाते हैं जिनका पता लगाना किसी के बस में नहीं होता। जी हां, आप सही सोच रहे हैं आज आपको ऐसे ही कुछ बात बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप सुनकर शायद हैरान हो जाएंगे। क्योंकि लगभग लोगों को इसके बारे में पता नहीं होगा। तो चलिए आपकी उत्सुकता को कम करते हुए ज्योतिष में बताए गए ऐसे तथ्य के बारे में जिसका संबंध हमारे द्व्रारा किए जाने वाले हस्ताक्षर से है।
जैसे कि सभी जानते हैं किसी भी तरह का काम हो यो पेपरवर्क उनमें सिग्नेचर की बहुत अहम भूमिका होती है। इसके बिना किसी भी तरह का आधिकारिक काम इसके बिना अधूरा होता है। स्कूल में दाख़िले से लेकर बैंक से संबंधित हर तरह के अधिकारिक काम में हस्ताक्षर का अधिक महत्व है। यही कारण है हर व्यक्ति सिग्नेचर करते समय ध्यान रखता है कि कहीं कोई उसके हस्ताक्षर कॉपी करके उनके गलत इस्तेमाल न कर लें। कहने का भाव है कि सभी के सिग्नेचर अलग-अलग होते हैं। जो केवल इंसान की पहचान को दर्शाते हैं। मगर क्या आपको ये जानकारी है किसी के भी हस्ताक्षर की मदद से उस इंसान के स्वभाव से लेकर उससे जुड़ी खास बातों का पता लगाया जा सकता है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के सिग्नेचर देखकर उसके बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।
यहां जानें हस्ताक्षर देखकर अपनी और दूसरों की खास बातें-
हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखने वाले लोग अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं।
कुछ लोग हमेशा जल्दी-जल्दी और अस्पष्ट हस्ताक्षर करते हैं, वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं।
कुछ लोग हस्ताक्षर तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े या अलग-अलग हिस्सों में करते हैं या यूं कहें कि हस्ताक्षर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते हैं। ऐसे लोग बहुत ही चालाक होते हैं।
जो लोग कलात्मक और आकर्षक हस्ताक्षर करते हैं, वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे हस्ताक्षर वाले लोग पेंटर या कलाकार भी हो सकते हैं।
कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। ऐसे सिग्नेचर करने वाले लोगों में असुरक्षा की भावना अधिक होती है। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, इस बात का संदेह सदैव रहता है। पैसा खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्रके अनुसार जो लोग हस्ताक्षर करते समय नाम का पहला अक्षर बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
सिग्नेचर में मध्यम आकार के अक्षर लिखने वाले लोग या जैसी उनकी लिखावट है, ठीक वैसे ही हस्ताक्षर हो तो ये हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करते हैं।
जिन व्यक्तियों के सिग्नेचर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। तो वहीं जिन लोगों के हस्ताक्षर नीचे से ऊपर की ओर जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में होता ही नहीं है।
बहुत से लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते ऐसे लोगों को मानसिक रूप से अस्थिर कहा जाता है। इन्हें मानसिक कार्यों में काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कुछ लोगों को सिग्नेचर ऐसे होते हैं जो सामान्य रूप से कटे हुए दिखाई देते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। जिन्हें हर काम में केवल असफलता ही नज़र आती है।
आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन खींचने की आदत होती है से लोग ऊर्जावान माने जाते हैं। ऐसे लोग दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं
कुछ लोग हस्ताक्षर करते समय अपना मिडिल नेम पहले लिखते हैं, ऐसे लोग पसंद-नापंसद को अधिक महत्व देते हैं।
जो लोग हस्ताक्षर में सिर्फ अपना लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे लोग स्वयं के सिद्धांतों पर कार्य करने वाले होते हैं। इनके लिए कहा जाता है कि ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते हमेशा अपने मन की हैं।