Edited By ,Updated: 02 Feb, 2017 10:08 AM
तांत्रिक साहित्य में भूत-प्रेत साधना द्वारा अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होने का उल्लेख है। यह वाममार्गीय कठोर साधना है जो तंत्र जगत में एक विशेष स्थान रखती है। भूत एक प्रकार की भोग
तांत्रिक साहित्य में भूत-प्रेत साधना द्वारा अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होने का उल्लेख है। यह वाममार्गीय कठोर साधना है जो तंत्र जगत में एक विशेष स्थान रखती है। भूत एक प्रकार की भोग योनि ही है, जो मंत्र के नियंत्रण में रहती है। भूत-प्रेतों की दिशा उत्तर है। ये स्वतंत्र शक्ति से समन्वित और साधकों को मनोवांछित फल प्रदान करने में सक्षम हैं।
वशीकरण हेतु करें ये उपाय
शुद्ध केसर, देशी कपूर, कस्तूरी और गोरोचन को निम्र मंत्र में अभिमंत्रित कर तिलक करने से वशीकरण होता है :
ॐ नमो तिलक ईश्वर
तिलक महेश्वर
तिलक से जय जयकार
तिलक काढ़ी के निकलू घर से
मोहे सकल संसार।
प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति के कुछ लक्षण
प्रेत-दोष से ग्रसित व्यक्ति पवित्र वातावरण में रहने से घबराता है। व्यवहार में अपवित्रता आ जाती है।
आंखें डरावनी लगती हैं। आंखों के नीचे कालिमा छा जाती है।
ऐसे व्यक्ति नेत्र मिलाते ही पलकें झुका लेते हैं, अगर कोई हिंसक आत्मा है तो उसकी आंखों में से अग्नि निकलती हुई-सी प्रतीत होगी।
प्रेत बाधाग्रस्त व्यक्ति की आंखों को देखने पर उलटा प्रतिबिंब दिखाई देगा। प्रेत दोष से बाधित व्यक्ति के नाखूनों का रंग बदल जाएगा।
महिला की माहवारी में काला पानी गिरना शुरू होगा।
जातक चिड़चिड़ा हो जाएगा।
ऐसा व्यक्ति बार-बार झगड़ा करेगा।