Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jun, 2018 04:25 PM
हनुमान जी को बजरंगबली और महावीर के साथ-साथ ‘वायु पुत्र’ भी कहा जाता है। महाभारत युद्ध में अर्जुन ने अपनी ध्वजा पर उनके चित्र को अंकित कर वायु अर्थात प्राणों पर विजय प्राप्त की थी
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हनुमान जी को बजरंगबली और महावीर के साथ-साथ ‘वायु पुत्र’ भी कहा जाता है। महाभारत युद्ध में अर्जुन ने अपनी ध्वजा पर उनके चित्र को अंकित कर वायु अर्थात प्राणों पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए उनको वायुपुत्र कहा जाता है। प्राणों पर अर्थात चंचल मन पर विजय प्राप्त करने के लिए और मन पर पूर्णत: नियंत्रण करने के लिए श्री हनुमान साधना सर्वोपरि मानी गई है। जिस व्यक्ति का पूजा या साधना में ध्यान नहीं लगता हो, उसके लिए हनुमान-उपासना अत्यंत महत्वपूर्ण कही गई है। इनकी कृपा से मन और प्राण स्थिर होते हैं तथा शक्ति के साथ-साथ साधक की मन:शक्ति भी बढ़ जाती है।
रोजाना शाम के समय मिट्टी के दीपक में रूई की बत्ती और सरसों का तेल डालें। हनुमानजी के मंत्रों का जप करते हुए दीपक जला दें। मान्यता है की घर में ये काम करने से हनुमान जी सदा आपके साथ रहेंगे।
श्री हनुमंते नम:
अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं, वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रिय भक्तं, वातजातं नमामि।।
हनुमान चालिसा का पाठ और मनन करने से बल एवं बुद्धि जागृत होती है और व्यक्ति खुद अपनी शक्ति, भक्ति और कर्तव्यों का आंकलन कर सकता है।
सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी बहुत जल्द शुभ फल प्रदान करते हैं।
श्री राम के मंत्रों का जप करने वाले भक्त पर हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं और सदैव कृपा बनाए रखते हैं।
हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र बेडरूम में नहीं बल्कि घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।
कच्ची धानी के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी की आरती करें। ऐसा करने से संकट दूर होगा और धन की प्राप्ति होगी।
एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मौली, अक्षत रखकर हनुमान जी के मंदिर में रखें इससे धन लाभ होगा।
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