क्या आप जानते हैं भगवान बुद्ध के इस अनूठे शिष्य को?

Edited By Jyoti,Updated: 24 Jul, 2020 10:52 AM

do you know this unique disciple of lord buddha

महाकाश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी विरक्त भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले, ‘‘वत्स तुम आत्मज्ञान से पूर्ण मंडित हो चुके हो।

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महाकाश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी विरक्त भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले, ‘‘वत्स तुम आत्मज्ञान से पूर्ण मंडित हो चुके हो। तुम्हारे पास वह सब है जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्य संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’’ 
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महाकाश्यप ने ये शब्द सुने तो उनका चेहरा लटक गया। वह बोले, ‘‘गुरदेव यदि मुझे पहले पता चल जाता कि आत्मज्ञान उपलब्ध होते ही मुझे आपसे दूर जाना पड़ेगा तो मैं इसे प्राप्त करने के झंझट में ही नहीं पड़ता। मुझे आपके सान्निध्य में रहने में, आपके चरण स्पर्श करने में जो परम आनंद प्राप्त होता है उससे मैं वंचित नहीं होना चाहता। मैं अपने आत्मज्ञान को भुला देना चाहता हूं।’’
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भगवान बुद्ध ने अपने इस अनूठे शिष्य को छाती से लगा लिया। उन्होंने, उसे समझाया, ‘‘तुम सद्-विचारों व ज्ञान का प्रचार करते समय जहां भी रहोगे, मुझे अपने निकट देखोगे। मेरा हाथ सदैव तुम्हारे सिर पर रहेगा।’’
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और महाकाश्यप भगवान बुद्ध को प्रणाम कर ज्ञान के माध्यम से सांसारिक मोह-माया के अंधकार को मिटाने के लिए चल दिए। —शिव कुमार गोयल 
 

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